उत्तर प्रदेश। बड़ी खबर यूपी के गोरखपुर से आ रही है। यहां मिड-डे मील खाने से एक सरकारी स्कूल में 30 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। राजमा में कीड़ा मिलने की शिकायत के बाद बच्चों की तबीयत खराब हो गई। उन्हें मतली (उल्टी) आने की शिकायत के बाद इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। जहां उन्हें उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
हालांकि अक्षय पात्रा फाउंडेशन की ओर से आए मिड डे मील (राजमा-चावल) की जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी मौके पर भेजा गया है। आलाधिकारियों का दावा है कि जांच में मिड-डे मील में किसी भी तरह के कीड़े नहीं मिले हैं।
गोरखपुर के विकासखंड चरगांवा के सराय गुलरिहा के कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय में दोपहर को मिड-डे मील परोसा गया। अक्षय पात्रा की ओर से बनकर आए मिड-डे मील को कर्मचारी जब लेकर पहुंचे, तो भोजन (राजमा-चावल) बच्चों को परोसा गया। राजमा-चावल खाने के दौरान बच्चों को राजमा में कीड़ा दिखाई दे गया। इसके बाद बच्चों ने उल्टियां करना शुरू कर दिया। इसके बाद स्कूल में हाहाकार मच गया।
बच्चों को आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार के लिए भेजा गया। घटना की सूचना पाकर बच्चों के अभिभावक भी स्कूल और अस्पताल पर पहुंच गए। इसके बाद हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
विद्यालय के 30 से अधिक बच्चे मिड-डे मील खाने बाद बीमार हो गए। इसके बाद मिड-डे मील लेकर पहुंचे अक्षय पात्रा के कर्मचारी ने बताया कि वो राजमा-चावल लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कृपया शिक्षकों से बात करने दीजिए। उन्होंने न सिर्फ बात करने से इंकार कर दिया, बल्कि कैमरे को बंद करवाने का प्रयास करने लगे।
वहीं इस मामले को लेकर गोरखपुर के बीएसए रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि विकासखंड चरगांवां के सराय गुलरिहा के कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक मामला सामने आया है। वहां पर खंड शिक्षा अधिकारी और टीम को जांच के लिए भेजा गया है।
वहां पर सूचना मिली कि अक्षय पात्रा की ओर से जो भोजन दिया जाता है, उसे खाकर बच्चे बीमार हो गए। कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि इसमें कीड़े हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिकारी से जांच कराई। जिस विद्यालय की घटना है, वहां पर भी जांच कराई गई। बीएसए के मुताबिक खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ऐसा कोई मामला नहीं है, उसमें कीड़े नहीं हैं। क्योंकि राजमा की जो सब्जी दी जाती है, वो अंकुरित रहा है।
राजमा की फली बनने के बाद अंकुरित हिस्सा बाहर आ गया। इससे लोगों के मन में एक भ्रम पैदा हो गया। कुछ बच्चे बीमार हो गए थे। उन्हें सीएचसी पर इलाज के लिए ले जाया गया। सभी बच्चे ठीक होने के बाद घर चले गए हैं। 8 से 10 बच्चे और हैं। उन्हें भी उपचार के बाद सुरक्षित घर भेज दिया जाएगा।