भ्रष्टाचार पर सरकार का प्रहारः तीन अधिकारियों को किया बर्खास्त, छह की पेंशन रोकी

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भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को नौ दागी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। एक अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होने के बाद सरकार ने तीन अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जबकि छह अन्य की पेंशन स्थायी रूप से रोक दी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2019 से अब तक भ्रष्टाचार के लिए 197 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। उन्होंने बताया कि जिन नौ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पूर्व कार्यकारी अभियंता शिवराम बिस्वाल शामिल हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में सतर्कता अदालत ने दोषी ठहराया था।

अधिकारी के मुताबिक, बिस्वाल की पेंशन और ग्रेच्युटी स्थायी रूप से रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व बीडीओ (प्रखंड विकास अधिकारी) गंदराम खमारी के खिलाफ भी यही कार्रवाई की गई है।

अधिकारी के अनुसार, नबरंगपुर जिले में कार्यरत पूर्व सहायक कृषि अधिकारी गोकुल चंद्र नायक को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कंधमाल जिले के जी उदयगिरि प्रखंड में कार्यरत सहायक कृषि अधिकारी कृष्ण चंद्र गौड़ा और मलकानगिरी जिले के मृदा संरक्षण अधिकारी दसरथी त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के आरोप में पेंशन और ग्रेच्युटी से वंचित कर दिया है।

अधिकारी के मुताबिक, बारागढ़ जिले में कनिष्ठ अभियंता उपेंद्रभंज नायक को भ्रष्टाचार, अक्षमता और खराब आचरण का दोषी पाए जाने के बाद उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोक दी गई है।

उन्होंने बताया कि पूर्व-लेखा परीक्षक सुशील कुमार मेहर को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अधिकारी के अनुसार, मयूरभंज जिले के शिक्षा अधिकारी आनंद चंद्र नाइक को भी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी से वंचित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि नयागढ़ जिले के पूर्व अधिकारी डॉ. सुरेंद्र नाथ पति को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है, जिसके बाद उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोक दी गई है।