Big News: डेड बॉडी के साथ प्रदर्शन करने पर होगी जेल, इस राज्य ने पास किया बिल, जानें पूरा मामला

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राजस्थान। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा में एक नया बिल पास किया है। इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन करता है, तो ऐसा करने पर उसे जेल जाना पड़ सकता है।

इस बिल का नाम- राजस्थान ऑनर ऑफ डेड बॉडी बिल 2023 है। इस बिल को पास करने का मकसद इतना है कि कोई मृत व्यक्ति अंतिम संस्कार के अधिकार से वंचित न रह जाए।

गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि अब तक ऐसा कोई कानून नहीं था और न ही किसी कानून में इसे लेकर कोई प्रावधान था। राजस्थान विधानसभा में इस बिल को ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

जानें बिल में क्या है

  • शांति धारीवाल ने बताया कि सरकार ये बिल इसलिए लेकर आई है, क्योंकि कुछ लोग शव रखकर ‘अनुचित मांगें’ करते हैं और ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
  • हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब परिवार के सदस्यों ने शव को लेने से मना कर दिया और मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांगें रखने की मांगें रखते हैं।
  • कुछ दिन पहले ही करौली में एक महिला की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। बाद में उसके परिजनों ने ऐसी ही मांगें की थीं। वहीं, पिछले महीने भी बीकानेर में ऐसे ही मामले में परिजन ऐसी मांग करने लगे थे।
  • बिल में लिखा है कि जिस तरह से किसी जीवित व्यक्ति के साथ व्यवहार किया जाता है, ठीक वैसा ही व्यवहार मृत व्यक्ति के साथ भी किया जाना चाहिए। मृत शरीर को सभ्य तरीके से दफनाने या अंतिम संस्कार का अधिकार है। इसे गरिमा के अधिकार का हिस्सा माना जाना चाहिए।

जानें कितनी सजा का है प्रावधान?

  • परिवार के सदस्यों के अलावा अगर कोई दूसरा व्यक्ति किसी शव का इस्तेमाल करता है तो ऐसा करने पर दोषी पाए जाने पर कम से कम 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है। इसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।
  • इसी तरह, अगर कोई परिवार अपने किसी रिश्तेदार का शव लेने से मना कर देता है तो एक साल की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। 
  • इतना ही नहीं, अगर कोई परिवार अपने रिश्तेदार का शव किसी दूसरे व्यक्ति को प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल करने के लिए देता है तो दो साल की जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • वहीं, अगर कोई अथॉराइज्ड व्यक्ति किसी मृत व्यक्ति से जुड़ा जेनेटिक डेटा या गोपनीय जानकारी का खुलासा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 से 10 साल की जेल के साथ-साथ जुर्माने की सजा होगी।

विपक्ष ने क्या कहा?

  • इस बिल पर बीजेपी विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने इसका विरोध किया। 
  • उन्होंने विधानसभा में बहस के दौरान कहा कि सरकार इस बिल के जरिए ‘लाठी तंत्र’ लाना चाहती है, क्योंकि इसके प्रावधान के अनुसार, एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग कर सकते हैं।

और कहां है ऐसा कानून?

  • उत्तर प्रदेश में पिछली साल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने एसओपी जारी की थी। इसके मुताबिक, शव रखकर धरना प्रदर्शन करना दंडनीय अपराध है।