मणिपुर। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। 48 घंटों की शांति के बाद शुक्रवार को फिर से शुरू हुई हिंसा के चलते तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद राज्य में फिर से एक बार तनाव का माहौल हो गया।
इंफाल पश्चिम के संगईथेल और कांगपोकपी जिले के खोक्कन इलाके में शुक्रवार को एक महिला सहित तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और दो अन्य घायल हो गए। संयुक्त बल क्षेत्र में स्थिति को काबू में करने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। मणिपुर में तीन मई को चुराचंदपुर जिले से शुरू हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए इंटरनेट पर रोक के साथ ही कर्फ्यू भी लगा दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, भागने से पहले वे तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर चुके थे। असम राइफल्स ने तीनों के शव बरामद कर लिए हैं। बाद में मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और सेना के संयुक्त दल ने तलाशी अभियान चलाया।
बता दें कि मणिपुर में तीन मई को मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था, जिसके बाद दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी।
पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से चलाये गए अभियान के तहत कुल 896 हथियार और 11,763 गोला बारूद और विभिन्न प्रकार के 200 बम बरामद किए गए। राष्ट्रीय राजमार्ग तीन मई से ही बंद है।
इससे पहले नौरिया पाखानग्लक्पा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एस केबई के मुख्य द्वार पर गुरुवार की रात बम विस्फोट किए जाने घटना सामने आई थी। हालांकि इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ। सीसीटीवी फुटेज की जांच में बाइक सवार दो संदिग्ध द्वारा बम फेंके जाने की आशंका व्यक्त की गई है।
यह भी बता दें कि राज्य में कुकी और मैतेई के बीच हुए संघर्ष में अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद लगा था कि मणिपुर में फिर से एक बार शांति व्यवस्था बहाल हो जाएगी, लेकिन इन मौतों के बाद से एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।