रेलकर्मियों ने 1974 की रेलवे हड़ताल के आंदोलनकारियों को किया नमन

झारखंड
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धनबाद। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर 1974 की हड़ताल के आंदोलनकारियों को रेलकर्मियों ने नमन किया। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की हिल कॉलोनी स्थित शाखा दो कार्यालय में ‘ऐतिहासिक हड़ताल’ पर दोहपर में एक सभा आयोजि‍त की गई। इसकी अध्यक्षता शाखा अध्यक्ष एनके खवास ने की। उपस्थित सदस्‍यों ने शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। 2 मिनट का मौन रखकर उन्‍हें नमन किया। फिर इस हड़ताल की उपलब्धियों पर चर्चा की।

देश भर में एआईआरएफ से जुड़े रेल कर्मचारी संगठनों के सदस्‍य महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के आह्वान पर 1974 की रेलवे हड़ताल के आंदोलनकारियों को नमन कर रहे हैं। 1974 की रेलवे हड़ताल को आजाद भारत की सबसे बड़ी घटना के रूप में याद किया जाता है। इस हड़ताल के बाद ही रेलवे में बोनस देने की प्रथा शुरू हुई।

इसके इलावा अस्थाई रेल कर्मचारियों को स्थाई करने की प्रक्रिया शुरू हुई। रेलवे ने यह निर्णय किया कि कोई गैंगमेन हटाया नही जायेगा। इस हड़ताल ने समूचे देश के मजदूर और कर्मचारियों में एक आत्मविश्वास एवं संघर्ष का जज्बा पैदा किया था।

इस कार्यक्रम में सोमेन दत्ता, एनके खवास, परमेश्वर कुमार, मंट सिन्हा, एके दास, राजीव कुमार, मोहम्मद इक़बाल, इस्लाम अंसारी, रोहित पाठक, एस मंजेश्वर राव, कौशलेन्द्र कुमार, आरके प्रसाद, प्रदीतो सील, महेंद्र कुमार, कौशल कुमार, प्रकाश रंजन, अनिल राव, रविशंकर कुमार, रमेश कुमार बाल्मीकि, राकेश, चिंटू कुमार और एसके महतो भी मौजूद थे।