Jharkhand : जमशेदपुर। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूलों में शिक्षकों टैब और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर निजी मोबाईल से हाजिरी एवं अन्य विभागीय कार्य संपादन का बहिष्कार करने की बात कही है। इस संबंध में संघ के महासचिव ने डीसी को ज्ञापन सौंपा है। उसमें 30 अप्रैल को हुई संघ की जिला कमेटी एवं प्रखंड अध्यक्ष, सचिव की संयुक्त बैठक में लिए गये निर्णय का हवाला भी दिया है।
रिक्ति के बाद भी प्रोन्नति नहीं
संघ के पूर्वी सिंहभूम जिला महासचिव सरोज कुमार लेंका ने लिखा है कि जिले में (Gr-IV और Gr-VII) में कुछ शिक्षकों को प्रोन्नति दी गई थी। इसके बाद छह वर्षों में Gr-IV एवं VII के पदों पर कार्यरत कई शिक्षक के सेवानिवृत्ति और मृत्यु आदि के कारण रिक्ति रहने और वांछित योग्य शिक्षकों की उपलब्धता के बावजूद अब तक शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं दी गई है। जबकि प्रोन्नति के लिए ग्रेडवार वरीयता सूची (मास्टर सूची) विद्यमान है। शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए जारी विभिन्न आदेशों के आलोक में भूतलक्ष्मी प्रभाव से प्रोन्नति देने की मांग की है।
न्यायालय जा सकते हैं
महासचिव ने लिखा है कि इस संबंध में पूर्व में भी कई बार लंबित प्रोन्नति के समाधान के लिए ज्ञापन दिया गया है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने के कारण शिक्षकों में काफी आक्रोश है। शीघ्र प्रोन्नति नहीं मिलने की स्थिति में बाध्य होकर कई शिक्षकों संघ द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया जा सकता है।
बाध्य करना कानूनन अवैध
लेंका ने लिखा है कि पिछले कई वर्षों से जिले के सैकड़ों विद्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया टैब पूर्णतः खराब हो चुका है। इसकी सूचना संबंधित विद्यालयों द्वारा विभाग को दिए जाने के बावजूद संबंधित विद्यालयों को टैब एवं अन्य आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं कराई गई है। बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनाने पर शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाता है। इसके कारण शिक्षक अपने निजी मोबाईल से बायोमेट्रिक हाजिरी और अन्य विभागीय कार्य करने के लिए बाध्य हैं। ज्ञात हो कि सरकारी कार्य संपादन के लिए शिक्षकों की निजी संपत्ति (मोबाईल) के प्रयोग के लिए बाध्य करना कानूनन अवैध है।
मानसिक तनाव बढ़ाने वाला
महासचिव ने लिखा है कि कई विद्यालयों चार-पांच या अधिक शिक्षक पदस्थापित है। वहां केवल एक टैब उपलब्ध कराया गया है। इससे विद्यालय आने पर निर्धारित समय में बायोमेट्रिक हाजिरी करने की आपाधापी रहती है। इससे हाजिरी बनाने में कुछ देर भी होती है। हालांकि इन बातों को नजरअंदाज कर विभागीय अधिकारियों द्वारा एक मिनट की देरी पर स्पष्टीकरण जारी करना दुखद होने के साथ ही मानसिक तनाव बढ़ाने वाला है।
शिक्षकों में काफी आक्रोश
लेंका ने कहा कि उपरोक्त कारणों से शिक्षकों में काफी आक्रोश है। शीघ्र सभी विद्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए टैब और अन्य आवश्यक संसाधन (शिक्षकों की संख्या के अनुरूप) उपलब्ध कराया जाए। अन्यथा बाध्य होकर निजी मोबाईल से हाजिरी एवं अन्य विभागीय कार्य संपादन का बहिष्कार किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इस संबंध में न्यायालय में याचिका भी दायर करने का निर्णय लिया गया।