- मुख्यमंत्री ने झारखंड मेडिको सिटी की स्थापना को लेकर अफसरों के साथ की उच्चस्तरीय बैठक
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रांची के कांके में झारखंड मेडिको सिटी की स्थापना को लेकर अफसरों के साथ उच्चस्तरीय बैठक 10 मई को की। इस मौके पर उन्होंने झारखंड मेडिको सिटी की कंसल्टेंसी एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग के प्रेजेंटेशन को देखा। कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिनपास (रांची) की 76 एकड़ जमीन पर पीपीपी मॉडल पर झारखंड मेडिको सिटी का स्थापना प्रस्तावित है। ऐसे में जमीन का उचित इस्तेमाल हो। निवेशकों को उनकी जरूरत के हिसाब से अस्पताल निर्माण के लिए जमीन दी जाए, इसका विशेष तौर पर ख्याल रखें।
आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मेडिको सिटी परिसर में कॉमन यूटिलिटी सर्विस- बिजली, पेयजल, सड़क, ड्रेनेज और सीवरेज, स्ट्रीट लाइट्स, बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए आधुनिकतम तकनीकों इस्तेमाल किया जाए, ताकि देश-दुनिया के सामने इसे एक मॉडल मेडिकल हब के रूप में रख सकें।
सेंट्रलाइज्ड एंबुलेंस सर्विस
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मेडिको सिटी में पीपीपी मॉडल पर कई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जाएंगे। ऐसे में सभी अस्पतालों के लिए अलग-अलग एंबुलेंस सेवा होने से यहां की व्यवस्था संभालने वालों के साथ मरीजों को भी परेशानी हो सकती है। ऐसे में सभी अस्पतालों के लिए सेंट्रलाइज्ड एंबुलेंस सेवा का सेटअप तैयार करें, ताकि मरीजों को जरूरत के अनुसार एंबुलेंस से लाकर संबंधित अस्पताल में एडमिट किया जा सके।
प्रोफेशनल्स की सेवा लें
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मेडिको सिटी में अस्पताल समेत अन्य चिकित्सीय संस्थान स्थापित करने में कई निवेशकों ने इच्छा जताई है। यह झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बेहतर कदम है। यहां खुलने वाले सभी अस्पताल और चिकित्सीय संस्थान होने वाले अस्पताल बेहतर तरीके से संचालित हों। यहां के मरीजों को उसका बेहतर लाभ मिले, इसके लिए प्रोफेशनल्स की सेवा लेने की जरूरत है।
बैठक में मंत्री सहित ये मौजूद
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव जितेंद्र कुमार सिंह, एनएचएम के मिशन डायरेक्टर भुवनेश प्रताप सिंह, रिनपास की निदेशक डॉ जयति सिमलाई, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं वीरेंद्र प्रसाद सिंह और अर्नेस्ट एंड यंग कंसल्टेंसी के प्रतिनिधि मौजूद थे।
ऐसा होगा झारखंड मेडिको सिटी
● रिनपास रांची की लगभग 76.34 एकड़ जमीन में झारखंड मेडिको सिटी विकसित किया जाएगा।
● पीपीपी मोड पर स्थापित होने वाले मेडिको सिटी में लगभग 4 हज़ार से 5 हज़ार करोड़ रुपए का निजी निवेश होगा।
● झारखंड मेडिको सिटी में 10 से ज्यादा मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाए जाएंगे।
● यहां स्थापित होने वाले सभी अस्पतालों में लगभग 5000 बेड की व्यवस्था होगी।
● झारखंड मेडिको सिटी में 7500 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और 22,500 से अधिक लोगों की अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
● झारखंड मेडिको सिटी के विभिन्न अस्पतालों में 1100 सौ से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक और 6500 पारा मेडिकल स्टाफ होंगे।
● यहां से प्रतिवर्ष लगभग तीन हज़ार करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलेगा।
● मेडिको सिटी में पहले चरण में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसाइंस, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोलॉजी, ओपेथोमोलोजी, पल्मनोलॉजी, मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ केयर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, नेफ्रोलॉजी तथा यूरोलॉजी से संबंधित मल्टी स्पेशलिटी सर्विस उपलब्ध होगी।
● यहां इमरजेंसी में मरीजों को एयर लिफ्ट करने के लिए हेलीपैड की भी व्यवस्था होगी।
● मेडिकल मॉल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, फिजिकल थेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन, होटल और सर्विस अपार्टमेंट की भी सुविधा झारखंड मेडिको सिटी में मिलेगी।