खूंटी। झारखंड (Jharkhand) के खूंटी जिले में नदी को बचाने के लिए लगातार ग्राम सभाएं सामने आ रही हैं। लगातार अवैध ढ़ंग से बालू खनन से मुरहू की जीवनधारा कही जाने वाली बनई नदी का अस्तित्व खतरे में था। इसे बचाने का मुहिम ग्रामसभाओं ने जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के साथ मिलकर पिछले वर्ष से ही शुरू की थी। इसका परिणाम भी अब नजर आने लगा है। इस नदी पर ग्रामीणों ने माहिल जामटोली से घघारी तक 10 सीरीयल बोरीबांध बनाया है। अब गानालोया पंप हाउस से लेकर घघारी गांव तक लगभग 8 किलोमीटर नदी में पानी लबालब भरा है।
कुआं का जलस्तर उपर आया
नदी में पानी भरने के बाद ग्रामीणों में यह समझ जाग गई है कि नदी को बचाना ही होगा। यही कारण है कि कई गांवों के लोगों ने अपने गांव के सीमान से बालू के अवैध खनन पर रोक लगा दिया है। ग्रामीणों के अनुसार नदी में पानी भरने से उसके अगल-बगल के कुंओं का जलस्तर चार से पांच फीट उपर आया है। अब गांव के लोगों को नहाने-धोने, मवेशियों को पानी पिलाने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। गर्मी में बच्चे नदी में खूब जलक्रीड़ा कर रहे हैं।
बच्चों ने भी दिखाई उत्साह
रविवार को मड़गांव ग्रामसभा ने बोरीबांध का निर्माण किया। ग्रामीणों के साथ पानी की समस्या झेल रहे बच्चों ने भी बोरीबांध बनाने में उत्साह दिखाई। खूंटी-तपकरा रोड पर स्थित बनई नदी पुल के समीप बोरीबांध बनाया गया। एक दो दिनों के अंदर ग्रामसभा द्वारा एक और बोरीबांध बनाया जाएगा।
बोरीबांध बनाने में किया श्रमदान
बोरीबांध निर्माण में जुनास ढ़ोढ़राय, करमसिंह ढ़ोढ़राय, एतवा ढ़ोढ़राय, सामू ढ़ोढ़राय, भंडुवा ढ़ोढ़राय, गुसडू ढ़ोढ़राय, संदीप ढ़ोढ़राय, अब्रहाम ढ़ोढ़राय, गोगा ढ़ोढ़राय, जवरा ढ़ोढ़राय, देबा ढ़ोढ़राय, हिंदू ढ़ोढ़राय, सिंगराय, लादू, सहदू, सुखराम समेत संपुर्ण ग्रामसभा सदस्यों ने श्रमदान किया।
रात में होता है अवैध उत्खनन
बोरीबांध निर्माण में लगे ग्रामीणों ने बताया कि रात में लोग नदी से अवैध बालू का उत्खनन करते हैं। अब ग्रामसभा ने निर्णय लिया है कि नदी से बालू का अवैध उत्खनन नहीं होगा।
पुलिस अधिकारी व जवान करेंगे श्रमदान
बुधवार को पंचघाघ के पास बोरीबांध का निर्माण किया जाएगा। इसमें जिला पुलिस के अधिकारी व जवान भी श्रमदान करेंगे। उनके साथ पर्यटन मित्र और सेवा वेलफेयर सोसाईटी के सदस्य भी श्रमदान करेंगे।