BAU : छात्रों ने शैक्षणिक भ्रमण में मसूरी पर्वत श्रृखंलाओं में प्राकृतिक संसाधनों को देखा

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के वानिकी संकाय के 39 सदस्यीय यूजी छात्रों ने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान मसूरी के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाईवार ओक, पाईन, देवदार आदि वृक्षों के बदलते क्रम और पर्वत में दिशात्मक पहलु का प्रभाव एवं उसमें वानस्पतिक अंतर का अध्ययन किया। साथ ही मसूरी की पर्वत श्रृखंलाओं में प्राकृतिक संसाधन का आकलन के अलावा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के अंतर्गत चूना पत्थर के पूर्व में हुए खनन एवं वनों के विनाश का अध्ययन किया।

छात्र प्राध्यापक डॉ आशीष कुमार चक्रवर्ती एवं डॉ ज्योतिष कुमार केरकेट्टा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भ्रमण पर हैं। छात्रों ने मसूरी की पर्वत श्रृखंलाओं में सीढ़ीनुमा खेती संरक्षण के उपायों को करीब से जाना। मसूरी स्थित कंपनी बाग में स्थानीय पेड़-पौधे एवं दुर्लभ पौधों की प्रजाति का बारीकी से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान छात्रों में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून में प्रशिक्षुओं से भेंट में वानिकी सबंधी ज्ञान से प्रभावित हुए।

इसके बाद छात्रों ने देहरादून स्थित प्रसिद्द वन अनुसंधान संस्थान में वनवर्धन, काष्ट वन उपज, वन कीट विज्ञान और काष्ट के विकृति विज्ञान संग्रहालयों में जाकर वानिकी सबंधी व्यापक जानकारियों का दो दिनों तक अध्ययन किया। काष्ट एवं अन्य वश्यो की गहन तकनीकी जानकारियों के लिए संस्थान के वनोपज प्रभाग में काष्ट की सीजनिंग उपचार और रूपांतरण के विभिन्न तरीकों की क्रमिक विधि की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की।

प्राध्यापक डॉ ज्योतिष कुमार केरकेट्टा ने बताया कि 15 दिवसीय शैक्षणिक परिभ्रमण के दौरान सभी संस्थानों एवं प्रभागों से काफी बढ़िया सहयोग प्राप्त हो रहा है। वानिकी से जुड़े विभिन्न स्थानीय संस्थानों एवं प्रभागों में प्रत्यक्ष तकनीकी लाभ से सभी छात्र काफी उत्साहित है।

प्राध्यापक डॉ आशीष कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि आगामी कार्यक्रमों में छात्रों का दल वन अनुसंधान संस्थान के अन्य प्रभागों के अलावा वानस्पतिक उद्यान, हर्बेरियम, बांस वाटिका और राष्ट्रीय वन पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र का भी अवलोकन करेंगे।