बीज वितरण का कृषि मंत्री बादल ने किया ऑनलाइन शुभारंभ

कृषि झारखंड
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  • पारदर्शिता के साथ ब्लॉक चेन तकनीक से होगा बीज का वितरण

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के किसानों को ससमय बीज, खाद उपलब्ध कराई जा रही है। योजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी जिला के पदाधिकारियों पर है। मतलब साफ है कि योजनाओं की सफलता आपके ऊपर निर्भर है। उक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बीज दिवस के अवसर पर बीज वितरण कार्यक्रम के ऑनलाइन शुभारंभ के दौरान 12 मई को सभी जिला के कृषि पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।

किसानों को बीज समय पर मिले

बादल ने कहा कि बीज वितरण में लैंप्स पैक्स, स्वयं सहायता समूह की सहभागिता सुनिश्चित होनी चाहिए। गांव के अंतिम किसान तक कृषि योजना का लाभ पहुंचे, इसके लिए काम करने की जरूरत है। इस वर्ष भी बीज का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ ब्लॉक चेन तकनीक से किया जाएगा। माइक्रो लेबल पर बीज वितरण की मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बीज वितरण का कार्यक्रम सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों या उनके प्रतिनिधि  के नेतृत्व में प्रखंड स्तर पर आयोजित किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को बीज समय पर मिले। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर किसानों को अपने पैर पर खड़ा करने का काम सरकार कर रही है। इसके सफल कार्यान्वयन में आपकी समर्पण भावना का होना अत्यंत जरूरी है।

बीज आपूर्ति के आदेश निर्गत

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर बीज मिले, इसके लिए 16.100 क्विंटल बीज आपूर्ति के आदेश निर्गत किए जा चुके हैं। इनमें 12,000 क्विंटल धान बीज, 2800 क्विंटल मक्का, 300 क्विंटल मडुआ बीज और एक हजार क्विंटल मूंग बीज  शामिल हैं। पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज में रोहिणी नक्षत्र में धान की जल्दी बुआइ की जाती है, इसके लिए इन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर 10,250 क्विंटल धान बीज की आपूर्ति के आदेश निर्गत किये जा चुके है। आगामी दिनों में भी विभिन्न फसलों के अतिरिक्त करीब 50,000 क्विंटल विभिन्न फसलों के बीज जिलों को वितरण के लिए आवंटित किए जाएंगे।

12 लाख किसानों को राहत राशि

कृषि मंत्री ने कहा कि हम 12 लाख किसानों को ₹3500 प्रति किसान मुख्यमंत्री फसल राहत योजना के तहत लाभांवित करने में सफल रहे। पांच लाख किसानों का सरकार ने लोन माफ किया है।

झारखंड में दो साल में हुआ

कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चतरा जिले के कान्हा चट्टी प्रखंड के उदय दांगी भी जुड़े। वह एक प्रवासी मजदूर के तौर पर गुजरात में 25 साल से काम कर रहे थे। कोरोना काल में वापस अपने गांव आए। खेती शुरू की। उन्होंने कहा कि 25 साल में जो कुछ नहीं मिला था, वह आज मिल गया। आज अपने साथ कई किसानों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

कृषि की योजनाओं पर सुझाव मांगे

कृषि मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गोड्डा, गिरिडीह समेत कई जिला के किसानों से भी बात की। कृषि की योजनाओं से जुड़े सुझाव भी मांगे। इस दौरान कई किसानों ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना, ऋण माफी योजना का लाभ मिला है और सरकार द्वारा समय पर बीज और खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। गोड्डा के किसानों को सांकेतिक तौर पर ऑनलाइन बीज का वितरण किया गया।

योजनाओं के साथ कन्वर्जन करें

कृषि पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबु बकर सिद्दीख पी ने कहा कि कृषि के विकास के लिए डीएमएफटी सहित जिला में उपलब्ध विभिन्न योजनाओं के साथ कन्वर्जन करें, ताकि किसानों का समग्र विकास हो सके। समय पर किसान को बीज उपलब्ध हों, इस पर विभाग का फोकस है। सभी जिला कृषि पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी की यह जवाबदेही है कि समय पर बीज और खाद की मांग करें, उसकी आपूर्ति सुनिश्चित हो तथा समय पर लैंप्स और पैक्स तक डिलीवरी हो। हमारी सफलता तब मानी जाएगी जब विभाग की ओर से भेजा हुआ बीज किसानों के हाथ में पहुंच जाएगा।

सूक्ष्म स्तर पर मॉनिटरिंग

सचिव ने कहा कि लैंप्स पैक्स की सूक्ष्म स्तर पर मॉनिटरिंग होनी चाहिए। बीज का वितरण मानक के अनुरूप हो रहा है, उसकी जांच  सुनियोजित तरीके से होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें। लैंप्स पैक्स को सक्षम बनाएं। प्रत्येक प्रखंड में बीज वितरण का कार्यक्रम करें और लैंप्स पैक्स को कार्यगत पूंजी से अच्छादित करें।

कृषि निदेशक सहित ये मौजूद

ऑनलाइन बीज वितरण कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृषि निदेशक चंदन कुमार, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, अपर सचिव रवि रंजन कुमार विक्रम, विधान चंद चौधरी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।