तंबाकू खाने से भारत में हर साल होती है 10 लाख मौत

सेहत झारखंड
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रांची। तंबाकू खाने से 14 तरह के कैंसर होते हैं। विश्व तंबाकू निषेध दिवस हमें तंबाकू और इसके हानिकारक प्रभाव से दूर रहने का महत्वपूर्ण संदेश देता है। उक्‍त बातें पारस एचईसी अस्पताल के कैंसर विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ गौरव कुमार ने कहा कही।

डॉ गौरव ने बताया कि‍ धूम्रपान और तंबाकू का इस्तेमाल किसी भी अन्य रूप में पूरे विश्व में हो रही असामयिक मौतों का मुख्य कारण है। धूम्रपान और तंबाकू हमारी सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है। सिर्फ भारत में प्रति वर्ष 10 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत धूम्रपान या तंबाकू के इस्तेमाल से होती है। यह कुल मौतों का 9.5% है।

धूम्रपान केवल नशा करनेवाले को ही नुकसान नहीं करता है, बल्कि उसके परिवार, दोस्तों, सहकर्मी और आसपास साथ रहनेवाले को भी प्रभावित करता है। यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नुकसान पहुंचता है। इससे बचना काफी मुश्किल है।

कैंसर चिकित्सक ने कहा कि भारत की लगभग एक चौथाई आबादी तंबाकू का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करती है। तंबाकू के सेवन से 14 तरह के कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों जैसे हृदय रोग की समस्या, सांस में तकलीफ़ जैसी बीमारी होती है।

धूम्रपान से धूम्रपान करनेवाले के साथ रहनेवाले को भी कई बीमारियां हो जाती है। तंबाकू के इस्तेमाल को सामाजिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश हो सकती है, क्योंकि बहुत से लोग अब ऐसे स्थानों पर जाना पसंद नहीं कर रहे हैं जहां धूम्रपान की अनुमति है।

डॉ गौरव ने कहा कि धूम्रपान और तंबाकू का इस्तेमाल पैसे की अनावश्यक खर्च को बढ़ाता है। धूम्रपान या तंबाकू का त्याग कर इस खर्चे का सही इस्तेमाल किया जा सकता है। तंबाकू का त्याग हमें शारीरिक और मानसिक परेशानी से भी मुक्ति दिलाता है।

तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या है। हम मिलकर इस समस्या को दूर भगा सकते हैं। हमें सतर्क रहते हुए, सावधानी के साथ अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। अपने सबसे बड़े धन ‘सेहत’ की सुरक्षा की ज़िम्मेवारी लेते हुए तंबाकू से दूरी बनाना चाहिए।