पंजाब। राजनीति में सब कुछ संभव है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी के भाजपा में शामिल होने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पंजाब में कुछ बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। दूसरी तरफ कांग्रेस भी उनके भाजपा में जाने को लेकर अलर्ट पर है। राजनीतिक गलियारों में इस तरह की खबरें नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से बाहर आने के बाद से शुरू हुई हैं।
दरअसल, सिद्धू और चन्नी के बीच चुनाव से पहले ही तनातनी चल रही थी। इस बीच जेल से बाहर आकर सिद्धू ने कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। तब से चन्नी को लेकर खबरों का बाजार गर्म है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से रिहा होने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में अफवाहों का बाजार गर्म है कि पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।
दरअसल, पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की हार के बाद चन्नी राजनीतिक सुर्खियों से गायब हो गए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने अपना चेहरा तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के बजाय चन्नी को चुना था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी बंपर वोट से जीती और भारी जनादेश के साथ प्रदेश में भगवंत मान की सरकार है।
वहीं, जेल से बाहर आने के बाद सिद्धू अपने पुराने रंग में दिखने लगे हैं। उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। राहुल गांधी को मेंटर बताया और कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाने की कोशिश की। सिद्धू की सक्रियता से चन्नी की परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है।
राजनीतिक गलियारों में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि 2022 चुनाव के दौरान सिद्धू और चन्नी के बीच कई बार तल्खी देखी गई। इसी का खामियाजा यह रहा कि पंजाब में कांग्रेस की बुरी गत रही और इसका फायदा आप ने उठाया।
भ्रष्टाचार के मामलों में अपने भतीजे की गिरफ्तारी के बाद भी चन्नी को विरोध का सामना करना पड़ा है। सिद्धू मूसेवाला के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात और विदेश यात्रा से लौटने के बाद चन्नी को राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी देखा गया था। उन्होंने प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी।
आपको बता दें कि चन्नी का जालंधर संसदीय उपचुनाव में काफी दबदबा है। इसके लिए कांग्रेस अब जालंधर संसदीय उपचुनाव में प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी अलग-अलग आवाज उठाने वाले नेताओं को भी साथ लाने का प्रयास कर रही है। यहां सिद्धू और चन्नी दोनों की बात की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, चन्नी ने रविदासिया/आदि-धर्मी समुदाय में एक अच्छा समर्थन आधार अर्जित करने में कामयाबी हासिल की, उनकी इस सीट पर मजबूत उपस्थिति है। क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस को चन्नी फैक्टर का फायदा मिला था। दोआबा क्षेत्र और जालंधर निर्वाचन क्षेत्र के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।