नई दिल्ली/रांची। झारखंड सहित पूरे देश में इस वर्ष मानसून 2023 (Monsoon 2023) सामान्य रहेगा। बारिश 96 फीसदी होने की संभावना है। नई दिल्ली स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 11 अप्रैल दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा को लेकर पूर्वानुमान जारी किया। यह पहला चरण का पूर्वानुमान है।
विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मानसून वर्षा +5% मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 96% (सामान्य) होने की संभावना है। वर्ष 1971 से 2020 की अवधि के लिए पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा का दीर्घावधि औसत (LPA)87 सेंटीमीटर है।
मानसून मुख्यत: तीन कारकों पर निर्भर करता है। इसमें एक अल नीनों की स्थिति न्यूट्रल फेज में है। जून या जुलाई के महीने में वह एक्टिव फेज में आ जाएगा। अल नीनो विकसित होने से मानसून पर प्रभाव कुछ हद तक पड़ सकता है। हालांकि भारतीय मानसून से अल नीनों का सीधा संबंध नहीं है।
वर्तमान में तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) स्थितियां हिंद महासागर के ऊपर मौजूद हैं। नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि सकारात्मक IOD स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है।
फरवरी और मार्च, 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्ध के बर्फ से ढके क्षेत्र सामान्य से कम पाए गए। बर्फ कम जमने का अनुकूल प्रभाव भारतीय मानसून पर पड़ता है।
रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड के लिए इसमें सामान्य मानसून की बात ही कही गई है। आईएमडी मई, 2023 के अंतिम सप्ताह में मानसून की वर्षा के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा।
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