Jharkhand : स्‍कूल का सचिव ने किया औचक निरीक्षण, मिली ये कमी, शोकॉज

झारखंड
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Jharkhand : चतरा। शिक्षा सचिव के रवि कुमार औचक निरीक्षण के क्रम में टंडवा प्रखंड स्थित एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्‍हें कई तरह की कमी मिली। निर्देश का उल्‍लंघन करते शिक्षक पाए गए। इसपर सचिव ने नाराजगी जताई। इसके बाद संबंधितों को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शोकॉज किया। जवाब मांगा है।

शिक्षा सचिव ने 12 अप्रैल, 2023 को टंडवा प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, कपरकुटा, राहम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में कई कमी पाई गई। इसपर सचिव द्वारा गहरी नाराजगी एवं रोष व्यक्त किया गया।

कमी का उल्‍लेख करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (टंडवा), प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (टंडवा), प्रखंड साधनसेवी (टंडवा), संकुल साधनसेवी, उत्क्रमि‍त विद्यालय राहम, प्र.प्र.अ./सहायक अध्यापक से स्‍पष्‍टीकरण पूछा है।

इसमें कहा है कि सचिव के विद्यालय में आगमन के बाद उपस्थित होने के लिए निरीक्षण स्थल पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड साधन सेवी, संकुल साधनसेवी को दूरभाष द्वारा सूचित किया गया। हालांकि 2.30 घंटे के बाद तक भी संबंधित विद्यालय/स्थल पर उपस्थित नहीं हुए। इनका यह कृत्य कार्य उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना, अकर्मण्यता एवं विभागीय कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।

निरीक्षण के क्रम में विद्यालय के दो शिक्षक उपस्थित थे। सबंधितों को निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर बिंदुवार स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

ये कमी मिली

1. विद्यालय में 07.20 बजे पूर्वाह्न तक शिक्षक अनुपस्थित थे।

2. पूर्वाह्न 07.45 बजे पहला बच्चा विद्यालय पहुंचा।

3. विद्यालय में प्रार्थना सभा के क्रम में राष्ट्रगान क्विज, नहीं कराया जाना।

4. शिक्षकों को अंग्रेजी विषय का समुचित ज्ञान नहीं होना।

5. विद्यालय में घंटी एवं रूटीन का उपयोग नहीं किया जाना।

6. शौचालय देखने से प्रथम दृष्टया लगता है कि इसका प्रयोग नहीं किया जाता है। ताला बंद पाया गया।

7. शिक्षक / बच्चों को राष्ट्रगान के लिए बोले जाने पर नहीं बताया गया, ना गाया गया।

8. पाठ योजना बना नहीं पाया गया।

9. शिक्षक अजय कुमार पांडेय वर्ग कक्ष में मोबाईल से बात कर रहे थे।

10. श्यामपट्ट का स्पष्ट कालीकरण नहीं रहना।