नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आयी है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को राउज एवन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है।
सीबीआई ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल के खिलाफ यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। दरअसल सीबीआई शराब नीति में कथित अनियमितता को लेकर जांच कर रही है। इसको लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को सिसोदिया को अरेस्ट किया था। इससे पहले किसी भी चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं था।
सिसोदिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 201 और 420 और प्रिवेंशन ऑफ करप्सन एक्ट की धारा 7, 7 ए, 8 और 13 के तहत भी केस दर्ज किया गया है। वहीं आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ईडी भी सिसोदिया से पूछताछ करते हुए दावा कर रही है कि आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार में सिसोदिया ही मुख्य साजिशकर्ता हैं।
आरोप है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। वहीं मनीष सिसोदिया की शराब नीति मामले में दाखिल जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
ED के वकील ने जमानत का विरोध किया। एक पुराने फैसले को सामने रखते हुए ईडी के वकील ने कहा कि कोर्ट को इस स्टेज पर जमानत नहीं देनी चाहिए। इसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट अब 26 अप्रैल को जमानत पर फैसला सुनाएगा।
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर मार्जिन पर कोई कैप नहीं था, जिसको 12% किया गया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि प्रॉफिट मार्जिन पर 12% का कैप लगाया गया, 5% न्यूनतम कैप था। सिसोदिया के वकील ने कहा कि रवि धवन ब्यूरोक्रेट है। वह कोई भारत का राष्ट्रपति नहीं है। रवि धवन के बहुत से सुझाव हमने शामिल किए, कुछ को हमने अस्वीकार भी किया।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या कोर्ट यह कह सकता है कि टेंडर के लिए लॉटरी क्यों निकाली गई? टेंडर के लिए बोली क्यों नहीं लगाई गई? अगर उप मुख्यमंत्री ने किसी अधिकारी से कानून के अनुसार काम करने को कहा तो इसमें अपराध कहां है? मनीष सिसोदिया की जमानत पर उनके वकील की दलील पूरी होने के बाद ईडी के वकील ने बहस की।