ऐसे मिलेट्स के उत्पादों को बढ़ावा देगा बिरसा कृषि विवि

झारखंड
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रांची। झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादों को बढ़ावा देगा। विवि के अधीनस्थ सभी कैंटीन, छात्रावास एवं मेस, अतिथि गृह के अलावा खाद्य प्रदर्शनी, कृषि प्रदर्शनी एवं विभिन्न कार्यक्रमों में अब श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादों को आवश्यक रूप से शामिल किया जायेगा। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह के निर्देश पर कुलपति के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ पीके सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी किया।

विवि के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, सह–अधिष्ठाता, कुलसचिव, नियंत्रक, विभागों के अध्यक्ष को भेजे इस पत्र में अधीनस्थ सभी ईकाइयों में श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादों को बढ़ावा देने और आवश्यक रूप से शामिल करने की बात कही गयी है। इसे अविलंब अमल में लाये जाने को कहा गया है।

इस सबंध में बीएयू कुलपति को आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (शिक्षा योजना एवं गृह विज्ञान) ने एक पत्र भेजा था, जिसमें ‘श्री अन्न’ के उपयोग को कृषि विश्वविद्यालयों में बढ़ावा देने को कहा गया था। पत्र में कहा गया है कि विश्वभर में वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के राज्य मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के सभी संस्थानों और देश के कृषि विश्वविद्यालयों में ‘श्री अन्न’ के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्देश महानिदेशक, आईसीएआर को भेजा है। इस आलोक में देश के कृषि विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया जाय।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि प्राचीन काल से ही भारत वर्ष में मिलेट्स उत्पादों का सेवन किया जाता रहा है। 60 के दशक में देश की खाद्यान्न आवश्यकता की पूर्ति के लिए धान एवं गेहूं को बढ़ावा देने की वजह से मिलेट्स उत्पाद भारतीयों की थाली से दूर होते चले गए। आज भी भारत दुनिया में मिलेट्स (मोटे अनाजों) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

कुलपति ने बताया कि भारत और विश्व स्तर पर कोविड-19 महामारी के दौरान पोषक तत्वों से युक्त भोजन की मांग में वृद्धि के कारण मोटे अनाजों और मोटे अनाजों के उत्पादों को बढ़ावा मिला है। मोटे अनाज के निर्यात में दुनिया का अग्रणी देश बनने की दिशा में भारत द्वारा अनेकों कार्य योजनाओं पर पहल की जा रही है। हाल में भारत सरकार ने मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ का नाम दिया है। इसे बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न योजना शुरुआत की है। राज्य सरकार ने भी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन योजना शुरू की है।

डॉ सिंह ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में मोटे अनाजों को पोषक तत्वों के भंडार के रूप में एक उत्कृष्ट अनाज माना जाता है। मोटे अनाजों की सभी किस्मों में उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये ग्लूटेन मुक्त होते हैं। इनसे एलर्जी भी नहीं होती है। इसके पोषक गुणों की वजह से अब शहरी आबादी भी इसे पसंद करने लगी है। प्रदेश में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या है। ऐसी स्थिति में मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा लोगों की पोषण सुरक्षा का सस्ता और बेहतर विकल्प बन सकता है।