पटना। इस समय की बड़ी खबर बिहार से आ रही है। यहां अब हर जातियों का अपना कोड होगा। जाति आधारित गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले नीतीश सरकार ने अलग-अलग जातियों के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित किया है।
सवर्ण जातियों में कायस्थ का कोड 22, ब्राह्मण के लिए 128, राजपूत के लिए 171 तो भूमिहार के लिए 144 है। कुर्मी जाति का अंक 25 और कुशवाहा-कोइरी का 27 है। यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला के लिए कोड संख्या 167 है। पहले नंबर पर अगरिया जाति है, वहीं ‘अन्य’ का कोड 216 है। केवानी जाति के लिए 215 कोड तय किया गया है।
बनिया जाति के लिए 124 कोड संख्या निर्धारित किया गया है, जिसमें सूड़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बरनवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल हैं।
जाति आधारित गणना में हर जाति के लिए एक अलग कोड तैयार किया गया है, जो अंकों में है। यह जाति आधारित गणना से संबंधित प्रपत्र के अलावा पोर्टल और ऐप पर भी प्रकाशित होगा। गणना के दौरान जातियों के नाम के साथ उस जाति के लिए निर्धारित कोड को लिखा जाएगा। एक व्यक्ति की गणना एक ही स्थान से होगी। इस कोड या अंक का उपयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने, आवेदन और अन्य रिपोर्ट में भी किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि बिहार में 15 अप्रैल से जाति गणना के दूसरे चरण की शुरुआत होने वाली है। इसके पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था। दूसरे चरण में 215 जातियों और एक अन्य के साथ कुल 216 जातियों की गणना होगी। जातियों की सूची और उसकी श्रेणी भी तैयार कर ली गई है।