पोर्ट ब्लेयर। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को देखा। डॉ अंबेडकर इंजीनियरिंग कॉलेज सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के आदिम जनजाति ग्रेट अंडमानिस, ओँगीज और निकोबारिस समुदाय के लोगों के साथ उन्होंने यह कार्यक्रम सुना।
उल्लेखनीय है कि मुंडा अपने चार दिवसीय अंडमान निकोबार दौरे पर आये हैं। इस दौरान वह यहाँ जनजातीय समुदाय से मिल रहे हैं। उनके साथ मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम दौरे पर हैं। पहली बार किसी किसी केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री का अंडमान निकोबार के आदिम जनजाति के लोगों से उनके द्वीप में जाकर मिलने और उनके बीच रहने का यह प्रयास है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मूल रूप से छह जनजातियों – अंडमानी, ओंगेस, जरावास, सेंटिनली, निकोबारी और शोम्पेंस का निवास स्थान रहा है। निकोबारी को छोड़कर, शेष पांच जनजातियां विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) हैं। द्वीपों की जनजातियां दो अलग-अलग जातियों से संबंधित हैं।
अंडमान द्वीप समूह में रहने वाले अंडमानी, जरावास, ओंगेस और प्रहरी नेग्रिटो समूह के हैं, जबकि निकोबार द्वीप समूह में रहने वाले निकोबारी और शोम्पेंस मंगोलॉयड समूह के हैं। दोनों क्षेत्रों की जनजातियों ने नस्लीय, भाषाई और सांस्कृतिक दृष्टि से सदियों से संरक्षित रखा है।
मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय समुदाय के भाषा, संस्कृति, परंपरा के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। इसी कारण अंडमान निकोबार का यह चार दिवसीय दौरा है। उन्हें यहाँ सदियों से रह रहे जनजातीय और आदिम जनजाति समुदाय को समझने का अवसर मिला।