पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत

बिहार देश
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मोतिहारी। पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में बीते दो दिनों के भीतर 14 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने शराब पार्टी की थी, जिसके बाद तबीयत बिगड़ गई।

मोतिहारी में हुई मौतों से छपरा शराबकांड की घटना ताजा हो गईं। चार महीने पहले सारण जिले में जहीरीली शराब पीने से 77 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग बीमार हुए थे। छपरा के पड़ोसी जिले सीवान और बेगूसराय में कुछ लोग मारे गए। शराबबंदी के बावजूद बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत होने पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। 

पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न इलाकों में बीते दो दिनों के भीतर 14 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले तुकौलिया, पहाड़पुर और हरसिद्धि के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि इन्होंने शराब पार्टी की थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक जहरीली शराब की वजह से मौत होने की पुष्टि नहीं की है।

आपको बता दें कि करीब 4 महीने पहले छपरा में दुखद शराबकांड हुआ था। दिसंबर 2022 में सारण जिले के मशरख और इसुआपुर समेत अन्य इलाकों में जहरीली शराब के सेवन से 77 लोगों की मौत हुई। इस कांड की गूंज विधानसभा से लेकर संसद तक पहुंची थी।

हालांकि, नीतीश सरकार ने 42 मौतों की ही पुष्टि की, मगर बाद में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट जारी कर 77 लोगों की मौत का खुलासा किया। इस रिपोर्ट में डीएम, एसपी समेत अन्य अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप भी लगाए गए। 

सारण में हुए शराबकांड के बाद सीवान और बेगूसराय में भी जहरीली शराब का कहर देखने को मिला। दिसंबर 2022 में ही सीवान में 5 और बेगूसराय में दो लोगों की अवैध शराब पीने से मौत हो गई। 

बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद गोपालगंज का खजूरबानी शराबकांड सबसे चर्चा में रहा। अगस्त 2016 में खजूरबानी में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो गई थी और कुछ पीड़ितों की आंखों की रोशनी गई थी। आबकारी स्पेशल कोर्ट ने इस केस में 9 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि जुलाई 2022 में पटना हाईकोर्ट ने सभी दोषियों की फांसी की सजा को माफ कर दिया था।