DG की जांच में खुलासाः बरेली जेल में रची गई थी उमेश पाल की हत्या की साजिश, अतीक के भाई के साथ मिले थे जेलर और …

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आयी है। प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल मर्डर हत्याकांड की साजिश बरेली जेल के गोदाम में रची गई थी। बरेली जेल में बंद अशरफ से जेल अफसरों के हुक्म से गैरकानूनी मुलाकातें कराई जाती थीं। डीआईजी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। इसमें जेलर राजीव मिश्रा और डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह शामिल थे।

जांच में पता चला है कि जेल आरक्षी शिवहरि इस मामले में शामिल था। शिवहरि और मनोज गौड़ की अपराधियों से साठगांठ का भी पता चला है। पूरे मामले में अभी तक केवल निलंबन और विभागीय कार्रवाई की ही सिफारिश की गई है।

जांच रिपोर्ट से पता चला है कि जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से गोदाम में मिलने के लिए छह-सात लोग मिलने आते थे। इसके लिए 3-4 आईडी का ही इस्तेमाल किया जाता था। इसके बदले में सद्दा और लल्ला गद्दी जेल अधिकारियों को मोटी रकम देते थे। 

शिवहरि के साथ गिरफ्तार किए गए सब्जी विक्रेता दयाराम ने भी पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं। 11 फरवरी को दोपहर 1.22 बजे सात-आठ लोग जेल में मिलने आए थे। इस दिन मुलाकात के लिए असद का आधार कार्ड भी दिया गया था। दो घंटे बिताने के बाद दोपहर 3.14 बजे सभी जेल से बाहर निकले थे। 26 सितम्बर, 2021 से 26 जून, 2022 के बीच जेल में नौ मुलाकात हुईं। 

एसटीएफ ने अतीक अहमद के करीबी गुड्डू राइफल को कौशांबी से उठाया है। एसटीएफ ने मंगलवार (14 मार्च) की रात करारी कोतवाली के नेवारी गांव में दबिश देकर महमूद उर्फ गुड्डू राइफल को हिरासत में लिया। गुड्डू राइफल माफिया अतीक अहमद का करीबी है। उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। इसका अतीक के यहां भी आना जाना था। सूत्रों की मानें, तो हत्याकांड के बाद 3 संदिग्ध लोग चार पहिया वाहन से आकर गुड्डू राइफल के यहां ठहरे थे।

बता दें कि इस हत्याकांड में अभी तक पुलिस की नाकामी सामने आई है। अभी तक उमेश पाल हत्याकांड के असल गुनहगार पकड़े नहीं जा सके हैं। सीसीटीवी में बम और गोली चलाने वाले अपराधियों पर इनाम की राशि बढ़ती जा रही है, लेकिन बदमाशों की गिरफ्तारी करने में पुलिस नाकाम रही है।