नई दिल्ली। हाल के दिनों में नौकरी पर कम और निकाले अधिक लोग जा रहे हैं। क्या गूगल, क्या माइक्रोसॉफ्ट और क्या ही अमेजन। दुनिया की तमाम बड़ी टेक कंपनियों में जैसे छंटनी की बयार चल रही है। एक के बाद एक इन कंपनियों में लोगों को नौकरी से निकाले जाने का सिलसिला थम ही नहीं रहा है।
अब टेक सेक्टर की एक और बड़ी कंपनी एसेंचर ने करीब 19,000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने की घोषणा कर दी है। टेक कंपनियों का इस तरह से लोगों को नौकरी से निकाला जाना, कहीं ना कहीं बड़े वैश्विक आर्थिक संकट की आहट दे रहा है।
इससे पहले अमेजन कुल 27,000, गूगल 12,000 और माइक्रोसॉफ्ट 11,000 लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है। मेटा (फेसबुक) की भी 10,000 लोगों की छंटनी करने की योजना है।वहीं अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक का डूबना और स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस का जबरदस्ती यूबीएस में विलय कराना भी आर्थिक संकट की ओर इशारा कर रहे हैं।
एसेंचर ने गुरुवार को कहा कि वह अपने वर्कफोर्स में 2.5 प्रतिशत की कमी लाएगी। ये संख्या ही 19,000 के करीब बैठती है। हाल में कंपनी ने अपने तीसरी तिमाही के वित्तीय आंकड़े जारी किए हैं। इसमें अनुमान जताया गया है कि उसके सालाना रिवेन्यू और प्रॉफिट में कमी आ सकती है।
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक नौकरी गंवाने वाले 19,000 में लोगों में आधे से ज्यादा स्टाफ उन लोगों का है, जो कंपनी के नॉन-बिलबेल कॉरपोरेट फंक्शंस में काम करते हैं। एसेंचर की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी रिवेन्यू ग्रोथ अब 8 से 10 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
पहले इसके 8 से 11 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान था। मौजूदा तिमाही में कंपनी का रिवेन्यू 16.1 अरब डॉलर से 16.7 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। एसेंचर का कहना है कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा। उनके लिए उसने अलग से 1.2 अरब डॉलर की राशि निकाल कर रखी है। जबकि 30 करोड़ डॉलर की राशि से वह ऑफिस स्पेस का कंसोलिडेशन करेगी।
एसेंचर का अनुमान है कि उसे हर शेयर पर 10.84 डॉलर से 11.06 डॉलर के बीच इनकम हो सकती है। जबकि पहले ये अनुमान 11.20 डॉलर से 11.52 डॉलर प्रति शेयर का था। कंपनी की सीईओ जूली स्वीट का कहना है कि एसेंचर 2024 में अपनी लागत घटाने के और तरीकों पर ध्यान दे रही है। जबकि कंपनी अपने कारोबार में निवेश करना जारी रखेगी।