शैक्षणिक और अनुसंधान में आपस में सहयोग करेंगे बीएयू एवं आईआईएबी

झारखंड
Spread the love

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), कांके और आईसीएआर-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएबी), लालखटंगा, रांची के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता (एमओयू)  हुआ। इस एमओयू में निदेशक आईआईएबी ने प्रथम और बीएयू के कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने द्वितीय पक्ष के रूप में हस्ताक्षर किए।

सोमवार को आईआईएबी में आयोजित सादे समारोह में बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह एवं आईसीएआर-आईआईएबी निदेशक डॉ सुजय रक्षित के बीच एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। मौके पर बीएयू के डीन वेटनरी एवं निदेशक प्रशासन डॉ सुशील प्रसाद एवं उपकुलसचिव (शैक्षणिक) डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय और आईसीएआर-आईआईएबी के वैज्ञानिक डॉ बीके सिंह भी मौजूद थे।

इस समझौते के मुताबिक दोनों संस्थान दीर्घ अवधि तक गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोग करेंगे। इस समझौते में कृषि से सबंधित शिक्षा और अनुसंधान गतिविधियों में छात्र एवं संकाय के आदान-प्रदान एवं सहयोग और अनुसंधान के बुनियादी ढांचे को साझा करने के संदर्भ में दोनों संस्थानों के परस्पर सहयोग की परिकल्पना किया गया है।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बीएयू एवं आईआईएबी के बीच एमओयू को राज्य के शैक्षणिक एवं अनुसंधान क्षेत्र में दूरगामी पहल बताया। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षो में बीएयू एवं आईआईएबी के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन मोड में एक-एक पशुपालन मेले एवं प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया गया। आईआईएबी के सहयोग से वेटनरी संकाय में टीएसपी कार्यक्रम तहत सुकरपालन विषय के दस प्रशिक्षण कार्यक्रमों से करीब 500 आदिवासी किसान लाभान्वित हुए।

कुपलति ने कहा कि मोटे अनाज का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन पर आयोजित कुल आठ प्रशिक्षण कार्यक्रमों से करीब 205 महिलाएं लाभान्वित हुई। दोनों संस्थानों के सहयोग से राज्य में शैक्षणिक एवं अनुसंधान क्षेत्र को गति देने और सशक्त करने में मदद मिलेगी।