बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हुआ तीन दिवसीय किसान मेला

झारखंड कृषि
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  • 150 स्‍टॉलों पर आधुनिक प्रौद्योगिकी, सेवा एवं उत्पादों का प्रदर्शन

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला का शुभारंभ 3 फरवरी को हुआ। मुख्‍य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने उद्घाटन किया। मेले में लगभग 150 स्टॉल पर कृषि, पशुपालन, वानिकी, बागवानी, मत्स्यपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, कृषि प्रसंस्करण, कृषि यंत्रीकरण, कृषि स्टार्टअप, कुटीर उद्योग आदि से संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकी, सेवाओं एवं उत्पादों को प्रदर्शित किए गए हैं।

ग्रामीण युवाओं को कृषि से जोड़े रखना होगा

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीण युवाओं को गांवों और कृषि कार्य से जोड़े रखने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलना चाहिए, ताकि गांवों में स्वाबलंबन और खुशी आ सके। मैट्रिक पास करने के बाद युवाओं का नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन कम हो सके। उन्होंने कहा कि‍ किसानों के आर्थिक उन्नयन ऐसे ही देश खुशहाल होगा। राज्य सरकार की पहल से राज्य के लाखों किसानों का कृषि ऋण माफ हुआ है। अब बोआई के समय से एक माह पूर्व ही प्रखंड और पंचायतों में बीज पहुंच रहे हैं।

प्राचीन परंपरा की ओर लौटने का प्रयास करें

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यापक रूप से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए आवश्यक बजट उपबंध भी किए गए हैं। झारखंड मिलेट्स के लिए प्राचीन समय से जाना जाता रहा है। अब हमें अपनी प्राचीन परंपरा और उत्पादों की ओर लौटने का प्रयास करना होगा।

जल्‍द एक और कृषि व पशुपालन विवि बनेगा

कृषि मंत्री ने कहा कि डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, हंसडीहा, दुमका के छात्र ने स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा में देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय में उसका सम्मान किया जाना चाहिए। झारखंड में शीघ्र ही एक पशुपालन विश्वविद्यालय और एक अन्य कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है।

डॉ कलाम की स्‍मृति में हाईटेक ऑडिटोरियम बनेगा

कृषि मंत्री ने कहा कि बीएयू में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में एक विशाल हाईटेक ऑडिटोरियम बनाने के लिए राज्य सरकार आवश्यक अनुदान प्रदान करेगी। बीएयू के शिक्षक एवं विद्यार्थी काफी योग्य एवं मेधावी हैं। इसलिए विश्वविद्यालय को एनडीआरआई, करनाल और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड की तरह अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए।

कृषि मेला हर जिला और प्रखंड में होना चाहिए

कृषि सचिव अबूबकर सिद्दीख पी ने वैज्ञानिकों से वैसी प्रौद्योगिकी विकसित करने की अपील की, जो छोटे एवं सीमांत किसानों की परिस्थितियों में अपनाने के अनुकूल हो। मौसम परिवर्तन के दौर में भी बेहतर परिणाम दे सके। उन्होंने कृषि मेला हर जिला और प्रखंड में आयोजित करने पर बल दिया, ताकि गांव गांव तक नई प्रौद्योगिकी पहुंच सके। किसान संपन्न हो सकें। झारखंड अब अपनी मछली आवश्यकताओं के मामले में भी आत्मनिर्भर हो गया है। राज्य बनने के समय यहां वार्षिक मछली उत्पादन मात्र 14,000 टन था जो अब बढ़कर 2.50 लाख टन हो गया है।

कुलपति ने विश्‍वविद्यालय की उप‍लब्धि बताई

स्वागत भाषण करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि नए स्थापित कालेजों के विद्यार्थी भी देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों की स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षाओं में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहे हैं। पिछले 2 वर्षों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फसलों की 15 उन्नत किस्में जारी की कथा सूकर की भी दो नई प्रजाति चिन्हित की गई।

कांके विधायक सहित ये अधिकारी मौजूद

इस अवसर पर कांके के विधायक समरी लाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एमएस राव, आईसीएआर-अटारी (पटना) के निदेशक डॉ अंजनी कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रसार शिक्षा निदेशक जगरनाथ उरांव ने धन्यवाद किया। संचालन शशि सिंह ने किया। अतिथियों ने विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन भी किया।

आठ प्रगतिशील किसानों को पुरस्‍कृत

उक्त अवसर पर कृषि और संबंध गतिविधियों में नवोन्मेषी प्रयोग और विशिष्ट उपलब्धियों के लिए आठ प्रगतिशील किसानों को सम्‍मानित किया गया। इसमें सुचिता देवी (दुमका), अयोध्या बिंद (गढ़वा), अंशु सिंह (सरायकेला-खरसावां), विकास कुमार (साहेबगंज), विजय महतो (पूर्वी सिंहभूम), राधेश्याम प्रसाद (पलामू), भीम रजक (चतरा) और गोकुल प्रसाद यादव (देवघर) शामिल हैं।

मेला में मिलेट्स उत्‍पादों का अलग स्‍टॉल

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष, 2023 के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा मेला में मड़ुआ, गुंदली, कोदो, चेना, कंगनी, मुरात, ज्वार, बाजरा के पोषक तत्वों से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से इन अनाजों और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे बिस्किट, कुकीज, गुजिया, नट बॉल्स, लड्डू, शक्करपारा, मिक्सचर, बालूशाही निमकी, चकली, धुसका, मोमो,  डुंबू, बर्फी, पोहा, इडली, मफीन, केक, पास्ता, मठरी, समोसा, अनारसा, मैकरोनी, चाऊ, फ्लैक्स को प्रदर्शित किया गया है। इनमें चावल गेहूं मक्का आदि की तुलना में प्रोटीन आयरन खनिज तत्व जैसे पोषक तत्व अधिक उपलब्ध हैं।

90 कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया

कृषि यंत्रीकरण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से खेत की जोताई, फसल रोपाई, बोआई, निकाई गुड़ाई, कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक के छिड़काव, दौनी एवं कटाई से संबंधित हस्त चालित, बैल चालित, बैटरी चलित, मोटर चालित, ट्रैक्टर चालित एवं नवीकृत ऊर्जा से संचालित लगभग 90 कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें उन्नत चूल्हा, गुल बनानेवाली मशीन तथा महिला फ्रेंडली  कृषि यंत्र शामिल हैं।