- बीएयू में निर्यात के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन
रांची। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से 13 फरवरी को निर्यात आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें किसान उत्पादक संगठन, कंपनी और प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया। एपीडा भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की संस्था है।
जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं
बीएयू के कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एसके पाल ने कहा कि झारखंड से सुगंधित चावल, मोटे अनाज एवं उनके प्रसंस्कृत उत्पाद, सब्जी, फल, फूल और गैर कास्ट वन उपज के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए कृषि निर्यात से जुड़ी सभी संस्थाओं को बेहतर समन्वय और तालमेल के साथ काम करते हुए किसानों को आवश्यक प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना होगा। जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी।
जैविक कृषि को बढ़ा रहा
झारखंड जैविक कृषि प्राधिकार (ओफाज) के सीईओ महालिंगा शिवा ने कहा कि एग्रो केमिकल्स के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी एवं जल स्रोत और पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण प्रदूषित हो रहे हैं। ओफाज राज्य के 24 में से 9 जिलों में सघनीकृत जैविक कृषि को बढ़ावा दे रहा है। यहां के किसान क्षेत्र की जलवायु के उपयुक्त कोई भी फसल उगा देंगे, किंतु खरीदारों को इंडेंट देने के साथ-साथ कुछ एडवांस राशि भी उत्पादकों को देनी होगी।
सोलर आधारित शीतगृह
झारखंड ट्राईबल डेवलपमेंट सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक आशीष आनंद ने कहा कि सोसाइटी राज्य के 14 जिलों के 135 ट्राईबल सब प्लान प्रखंडों में जनजातीय किसानों की उपज एवं आमदनी बढ़ाने और जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ कृषि उत्पादों का लाभकारी विपणन सुनिश्चित करने, पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान न्यूनतम करने के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने और सोलर आधारित शीतगृह बनाने पर जोर दिया।
लाभ उठाने की अपील की
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के संयुक्त निदेशक (रांची) इंद्रजीत यादव, रांची जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय के प्रभारी सचिन कुणाल, नाबार्ड रांची की सहायक महाप्रबंधक पूजा भारती और एपीडा की व्यवसाय विकास प्रबंधक सुप्रभा मलिक ने कृषि निर्यात प्रोत्साहन संबंधी अपने-अपने संगठनों की योजनाओं पर प्रकाश डाला। किसानों से उसका लाभ उठाने की अपील की।
दो जिलों के प्रतिभागी
बीएयू के सहायक प्राध्यापक डॉ बसंत कुमार झा ने धन्यवाद किया। कार्यक्रम में रांची एवं हजारीबाग जिलों के लगभग 100 कृषि उत्पादक संगठनों एवं कंपनियों के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।