हॉन्गकॉन्ग। हर व्यक्ति के मन में विदेश घूमने की इच्छा होती है. खासकर फ्लाइट से. फ्री व्यवस्था हो, तो क्या कहने. अब आपकी ये इच्छा पूरी हो सकती है. यह जानने के लिए पूरी खबर जरूर पढ़ें.
हॉन्गकॉन्ग दुनिया का ‘अब तक का सबसे बड़ा स्वागत’ करने के लिए तैयार है. कोविड महामारी ने हॉन्गकॉन्ग के पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है. इसकी भरपाई के लिए शहर ने एक बड़ा एलान किया है. हॉन्गकॉन्ग ने गुरुवार को विदेशियों पर्यटकों को आकर्षिक करने के लिए एक प्रचार अभियान की शुरुआत की. इस अभियान के तहत विदेशियों को हॉन्गकॉन्ग आने के लिए फ्लाइट का किराया नहीं देना पड़ेगा. हॉन्गकॉन्ग पांच लाख मुफ्त हवाई टिकटों का वितरण करेगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, हान्गकॉन्ग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन ली ने गुरुवार को अपने रीब्रांडिंग प्रचार अभियान ‘हैलो हॉन्गकॉन्ग’ का अनावरण किया. इस अभियान का उद्देश्य हॉन्गकॉन्ग की वैश्विक छवि को सुधारना भी है. इसके जरिए पर्यटकों, निवेशकों को हॉन्गकॉन्ग के बारे में अच्छी जानकारियां दी जाएंगी और उन्हें एक बेहतर हॉन्गकॉन्ग का दर्शन कराया जाएगा.
ली ने व्यापार और पर्यटन दिग्गजों को संबोधित अपने भाषण में कहा कि अब हॉन्गकॉन्ग आने वाले लोगों को कोई क्वारंटीन या प्रतिबंध नहीं झेलना होगा. उन्होंने कहा कि शहर की हलचल और व्यापार को दोबारा वापस लाने के लिए हॉन्गकॉन्ग पांच लाख मुफ्त हवाई टिकट देगा.
मुफ्त टिकट की शुरुआत मार्च से होगी. शहर के निवासियों के लिए भी सरकार ने अतिरिक्त 80 हजार मुफ्त हवाई टिकट की घोषणा की है. ली ने कहा, ‘देवियों और सज्जनों, यह शायद दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा स्वागत है.’
रीब्रांडिंग प्रचार अभियान की शुरुआत शहर के मुख्य कॉन्फ्रेंस सेंटर में हुई जहां रूसी और स्पेनिश सहित सभी प्रमुख भाषाओं के स्लोगन लगे थे. अनावरण के दौरान लोगो के मनोरंजन के लिए डांसर्स भी मौजूद थे. हॉन्गकॉन्ग के अधिकारियों ने बताया कि एयरलाइंस Cathay Pacific, Hong Kong Express और Hong Kong Airlines 1 मार्च से छह महीनों तक विदेशी लोगों को मुफ्त हवाई टिकट का वितरण करेंगी.
बता दें कि हांगकांग में 2022 में सिर्फ 6,00,000 विदेशी आए जो 2018 के आंकड़े के एक प्रतिशत से भी कम है. पिछले तीन सालों में 130 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने हांगकांग कार्यालयों को बंद कर दिया है. हाल ही में 253 जापानी कंपनियों के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि उन्हें हॉन्गकॉन्ग में काम करने के लिए अच्छे श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल हॉन्गकॉन्ग की अर्थव्यवस्था में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई और उसी दौरान 1,40,000 से अधिक श्रमिक शहर से चले गए थे.
चीनी कब्जे के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग के लोग 2019 में हजारों की संख्या पर सड़कों पर निकल आए थे. ये प्रदर्शन लंबे समय तक चले, लेकिन पुलिस ने सख्ती से इन्हें दबा दिया. साल 2020 में चीन ने नेशनल सिक्योरिटी लॉ पास कर लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों को पूरी तरह कुचल दिया. इससे हॉन्गकॉन्ग की छवि दुनियाभर में धूमिल हुई और इस दौरान कई निवेशक देश छोड़कर चले गए. कई कारोबारियों ने भी अपना कारोबार हॉन्गकॉन्ग से समेट लिया. पर्यटन को भी झटका लगा.
2019 के आखिरी महीनों में हॉन्गकॉन्ग ने कोविड महामारी को देखते हुए सख्त नियम लागू किए जिस कारण पर्यटकों का देश में आना बंद हो गया. तीन सालों से भी अधिक समय तक कोविड की पाबंदियां जारी रहीं, जिससे देश का पर्यटन भारी घाटे में चला गया है. हॉन्गकॉन्ग जो अपने व्यापार सुविधाओं के लिए दुनिया भर में जाना जाता था, उसकी यह प्रतिष्ठा भी धूमिल हो गई. लेकिन अब हॉन्गकॉन्ग लोगों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए पूरी तैयार कर चुका है.