व्यवसायियों के बकाया कर भुगतान के लिए ‘वन टाइम सेटेलमेंट’ योजना लाई सरकार

झारखंड
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  • वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कर समाधान योजनाका किया शुभारंभ

रांची। कर से प्राप्त राशि का उपयोग सरकार देश और राज्य के विकास कार्यों एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं में खर्च करती है। करदाता समय पर कर का भुगतान कर इस कार्य में सरकार का साथ दें। देश और राज्य के विकास में भागीदार बनें। राज्य में व्यावसायिक क्षेत्र के जितने भी बड़े करदाता है, जिनका टैक्स बक़ाया है और जिनके मामलें कोर्ट में लम्बित हैं, उनके ‘वन टाइम सेटेलमेंट’ के लिए ही कर समाधान योजना लायी गई है। करदाता इस योजना से लाभ लें। इसे सफल बनायें। उक्त बातें वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कही। वह 22 फरवरी को होटल बीएनआर चाणक्य में कर समाधान योजना का शुभारंभ कर रहे थे। 

लाभ लेकर मामला सुलझा लें

डॉ उरांव ने कहा कि राज्य में कर बाकायदारों से सम्बंधित क़रीब 5000 केस विभिन्न कोर्ट में लम्बित हैं। इससे राज्य सरकार को कर का नुक़सान हो रहा है। करदाताओं को कोर्ट का चक्कर भी लगाना पड़ रहा है। इससे पैसे भी ख़र्च हो रहे हैं। यह ना उनके हित में है और ना सरकार के हित में है। इसलिए सरकार कर समाधान योजना लेकर आयी है, ताकि व्यावसायिक क्षेत्र के करदाता इस योजना का लाभ लेकर वन टाइम सेटेलमेंट से मामला सुलझा लें। कर का भुगतान कर दें।

विकास के लिए राशि जरूरी

वाणिज्य कर मंत्री ने कहा कि राज्य गरीब है। पिछड़ा है। हमें राज्य को विकास के पथ पर ले जाने के लिये राशि की आवश्यकता है। इसलिए कर का सही समय पर भुगतान करें। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कर बकायादारों से सहूलियत के साथ टैक्स वसूलें। कोर्ट में लंबित मामलों को सुलझायें। कर समाधान योजना के तहत उनका भुगतान करायें। उन्होंने कहा कि हमें राज्य में रिसोर्स मोबिलाइजेशन पर ध्यान देने की जरूरत है। राजस्व उगाही विभाग की समीक्षा करने की जरूरत है, ताकि राज्य में राजस्व को और अधिक बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि ओडिशा और झारखंड में खनन क्षेत्र करीब-करीब बराबर ही है। हालांकि वहां का खनन राजस्व लगभग 50 हजार करोड़ रुपए है और हमारे यहां मात्र 9 हजार करोड़।

लक्ष्य से अधिक राजस्व वसूली

डॉ उरांव ने कहा कि इस वर्ष हमने लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। इसके लिये विभाग के पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं। वे करदाता भी जिन्होंने समय पर कर का भुगतान कर इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग दिया।

टैक्स भुगतान में सहूलियत

वाणिज्य कर विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती आराधना पटनायक ने कहा कि झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान अधिनियम 2022 (कर समाधान योजना) का उद्देश्य बकाया करदाताओं, जिनके मामले कोर्ट में लंबित हैं उनका ‘वन टाइम सेटेलमेंट करा कर’ टैक्स का भुगतान करने की सहुलियत देना है। कोर्ट में लंबित मामलों के कारण करीब 3500 करोड़ रुपये बकाया है। लंबित मामलों के कारण सरकार को तत्काल कोई राशि प्राप्त नहीं हो रही है। कर समाधान योजना से लंबित एवं विवादित मामलों के समाधान से राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की संभावना है।

स्पेशल टैक्स यूनिट का गठन

सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा आईआरएयू (ईटिंलीजेंस एंड रिवेन्यू एनालाइस यूनिट) का गठन किया गया है, जिसका कार्य आंकड़ों का विश्लेषण करना है। साथ ही, कर देय व्यक्तियों द्वारा दाखिल विवरणियों की पारस्परिक जांच, सेक्टरवार ई-वे बिल निर्गमन की जांच या अनुश्रवण करना है। आईआरएयू की जांच के कारण संव्यवहारों की विस्तृत जानकारी होने पर कर भुगतान करने वाले करदाताओं की भी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा एसटीयू (स्पेशल टैक्स यूनिट) का भी गठन किया गया है, जो राज्य के 5 अंचलों में काम करेगी। इनका कार्य राज्य में बड़े बकायादारों को प्रॉपर गाइड करना है। कर वसूली में सहयोग प्रदान करना है।

500 करोड़ अधिक राजस्व की वूसली

वाणिज्य कर आयुक्त संतोष वत्सल ने कहा कि 2022-23 में 18 हजार करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 18500 करोड़ रुपये के राजस्व की वूसली विभाग ने की है। विभाग के पदाधिकारियों के मेहनत का ही परिणाम है कि हमने लक्ष्य से अधिक वसूली की है। हमें विभाग के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव एवं प्रधान सचिव श्रीमती आराधना पटनायक का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिला, जिससे इस लक्ष्य को प्राप्त कर सके।

इस अवसर पर अपर वाणिज्य कर आयुक्त एवं विभाग के पदाधिकारी सहित व्यवसाय जगत के कई जाने-माने लोग मौजूद थे।