रांची। झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष बसंत मित्तल ने श्री सम्मेद शिखरजी को पावन व पवित्र तीर्थ स्थल बताया। कहा कि यह झारखंड ही नहीं संपूर्ण विश्व के जैन अनुनाइयों के आस्था और विश्वास का केद्र ही नहीं, अपितु प्रकृति के झारंचल में अमूल्य धरोहर हैं। इसका विकास तीर्थ और दार्शनिक स्थल के रूप विकसित किया जाय, ना की पर्यटन स्थल घोषित कर इसके अस्तित्व को मिटाया जाय। प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के पदधारियों की बैठक में पूरजोर विरोध किया गया। जरूरत होने पर पूरजोर आंदोलन का विचार किया।
विदित हो कि मधुबन, पारसनाथ, गिरिडीह (झारखंड) के तीर्थस्थल को ‘पिकनिक स्पॉट’ बनाने का देश समेत झारखंड भर में विरोध हो रहा है। इसपर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं प्रधानमंत्री को भी अवगत किया जा चुका है।
समाज के लोगों का कहना है कि जैन धर्म में मांस-मदिरा प्रतिबंधित है। तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल ‘पिकनिक स्पॉट’ करने पर यहां अशुद्ध-हिंसक वातावरण पैदा होगा। जब जैन समुदाय ने यह मांग नहीं की, तब आदेश क्यों जारी किया गया है।
केद्र सरकार और राज्य सरकार इस पुनीत धरोहर की रक्षा करें। जैन समुदाय जो मांग कर रहे हैं, उसे लागू करे। झारखंड के समाज से अपील कर जल्द ही विरोध में पोस्टकार्ड अभियान चलाया जायेगा।
इस अवसर पर प्रांतीय महामंत्र रवि शंकर शर्मा, पूर्व अध्यक्ष विनय सरवागी, पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्मचंद जैन रारा, मुख्यालय उपाध्यक्ष अरुण बुधिया, प्रांतीय उपाध्यक्ष मनोज बजाज, प्रांतीय संयुक्त महामंत्री सुभाष पटवारी, सौरव सरावगी, राकेश जैन, प्रांतीय संगठन मंत्री प्रदीप राजगढिया, प्रांतीय कोषाध्यक्ष राहुल मारू, मनीष लोधा, आकाश अग्रवाल व अन्य उपस्थित थे।