स्वरोजगार के तहत पेपर प्लेट की दी गई ट्रनिंग

झारखंड
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रांची। गांव और घर से बाहर आना सदैव चुनौती है। ऐसे में स्वरोजगार के लिए महिलाओं का प्रशिक्षण लेना शुभ संकेत है। अपना काम में स्वतंत्र है और खुशी मिलती है। देश के विकास में स्वरोजगार से ही ज्यादा विकास होगा। उक्त बातें उषा मार्टिन के महाप्रबंधक- (एचआर एवं आईआर) एनएन झा ने कहीं। झा 13 जनवरी को झारखंड गवरमेंट टूल रूम में आयोजित स्वरोजगार कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे।

उषा मार्टिन फॉउंडेशन के तत्वावधान में ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए पेपर प्लेट एवं दोन्ना निर्माण के लिए हुनर निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ, जो एक माह तक चला। इसमें 25 महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया गया।

झा ने कहा कि महिलाएं इन प्रशिक्षण के पश्चात हुनर का विकास करती है। उसे स्वरोजगार से जोड़ती है, तभी प्रशिक्षण की उपयोगिता होगी। कुशल महिलाएं ना केवल आत्मनिर्भर बनती है, बल्कि अपने परिवार और बच्चों का समुचित ढंग से व्यवस्था कर सकती है।

टूल रूम के प्राचार्य एमके गुप्ता ने कहा कि संस्थान का लाभ गांव के विकास में हो, इसके लिए कई प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। गांववाले आगे बढ़े। इसमें सरकारी संस्था से कैसे सहयोग मिले। इसका प्रयास करेंगे।

फॉउंडेशन के सचिव डॉ मयंक मुरारी ने संस्था के द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कारखाने के इर्द गिर्द के 18 गांवों में स्वरोजगार के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

मासु के तेजनाथ महतो ने बताया कि इस प्रशिक्षण से समय का सदुपयोग कर पैसा का अर्जन करेंगे।  कार्यक्रम का संचालन गौरव प्रियदर्शी और आशुतोष मिश्रा ने धन्यवाद किया। इस अवसर पर टूल रूम के कर्मचारी के अलावा फॉउंडेशन के कर्मी उपस्थित थे।