जैन समाज सड़क पर, सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध

झारखंड
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  • राजभवन तक निकली मौन पदयात्रा

रांची। पावन और पवित्र तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषि‍त करने के विरोध में जैन समाज सड़क पर उतर गया है। समाज के लोगों ने 4 दिसंबर को मौन पदयात्रा निकाली। यह प्रातः 9 बजे रांची के अपर बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से राजभवन तक गई।

मौन पदयात्रा मेन रोड, शहीद चौक, कचहरी चौक होते हुए राजभवन पहुंची। पदयात्रा में जैन समाज, मारवाड़ी समाज और अन्य संगठनों के बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाओं ने भाग लिया। सबों ने अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां एवं झंडे लिए हुए थे।

इसके बाद जैन समाज एवं झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन ने राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया है कि जैन धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने से दुनिया भर का जैन समाज आहत है।

विश्व प्रसिद्ध श्री सम्मेद शिखरजी जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है। जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थ करो ने इस पर्वत पर तपस्या की और मोक्ष प्राप्त किया है। जैन समाज के लिए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का तीर्थ स्थल है। इसे पर्यटन स्थल बनाने से इसकी पवित्रता भंग होगी।

पर्यटन स्‍थल बनने पर उस क्षेत्र में मांसाहार और शराब सेवन जैसी अनैतिक गतिविधियां प्रारंभ होने की आशंका होगी। इससे अहिंसक जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने से जैन समाज में निराशा का माहौल है। इसलिए जैन धर्मावलंबियों की वास्तविक मांग पर सहानुभूतपूर्वक विचार करते हुए श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने पर रोक लगे।

इस पवित्र तीर्थ स्थल को धार्मिक तीर्थ स्थल घोषित किया जाए, ताकि दुनिया भर के जैन समाज के लोगों को सकारात्मक संदेश जाए। राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते अनुरोध है कि इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए राज्य सरकार को समुचित कदम उठाने और अल्पसंख्यक जैन समुदाय को भरोसे में लेते हुए समुचित निराकरण की कृपा किया जाए।

मौन पदयात्रा में झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, श्री दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पदम कुमार छाबड़ा, सुभाष विनायक्या, धर्मचंद जैन ‘रारा’, अरुण बुधिया, मनोज बजाज, संजय सर्राफ, राहुल मारू, पवन शर्मा, अशोक पुरोहित, प्रमोद सारस्वत, प्रदीप बाकलीवाल, संजय पाटनी, प्रमोद झांझरी, सुनील सेठी, शिव शंकर साबू, सुभाष जैन, पंकज पांड्या, कैलाशचंद्र, संजय छाबड़ा, मनोज काला, अजीत कुमार, अजय गंगवाल, संदीप जैन, पदमचंद गोधा, हेमंत सेठी, के अलावे सैकड़ों महिला और पुरुष उपस्थित थे।