राज्य में गोमुक्तिधाम का शिलान्यास, पशुपालन यूनिवर्सिटी शीघ्र

झारखंड कृषि
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  • हेसाग में पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2023 का शुभारंभ

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में कई योजनाओं को आकार देने का प्रयास जारी है। साथ ही सरकार आम जन की संस्कृति के अनुरूप कार्य कर रही है। उसी कड़ी में पहली बार गोमुक्तिधाम का शिलान्यास पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रमंडल स्तर पर शुरू किया जा रहा है। उक्‍त बातें कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कही। वह 28 जनवरी को रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में आयोजित पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में ऑनलाइन शामिल होकर पदाधिकारी एवं पशुपालकों को संबोधित कर रहे थे।

सभी जिलों में गोमुक्तिधाम बनेगा

बादल ने कहा कि प्रमंडल स्तर पर गोमुक्तिधाम के साथ सभी जिलों में भी गोमुक्तिधाम का निर्माण कराया जाएगा। इस संबंध में सभी जिला के उपायुक्तों से जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

चिकित्सालय में जल्‍द एंबुलेंस

मंत्री ने कहा कि पशु चिकित्सालय के लिए जल्द ही हम एंबुलेंस की व्यवस्था करने जा रहे हैं। यह पशुपालन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी। सरकार राज्य के 100 पशु अस्पतालों को अपग्रेड कर उन्हें मॉडल एनिमल हॉस्पिटल बनाने जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहें।

42 हजार परिवार जुड़े हैं

कृषि मंत्री ने कहा कि जल्द ही पशुपालन यूनिवर्सिटी भी राज्य में बनाई जाएगी। वर्तमान में 42,000 परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं। हमारा लक्ष्य है कि 1,00,000 परिवारों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ा जाए। साथ ही सरकार का लक्ष्य है कि अभी राज्य में उत्पादित 1.8 लाख लीटर दूध का उत्पादन 5 लाख लीटर तक सुनिश्चित किया जाए।

पशुपालकों को करें जागरूक

कृषि पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबू बकर सिद्दीख पी ने कहा कि पशु वैक्सीनेशन हमारे राज्य में काफी कम है। मांग के अनुरूप वैक्सीनेशन की आपूर्ति के बीच समन्वय बैठाना हम सबके लिए जरूरी है। प्रशिक्षित लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा स्वयंसेवी संस्थाओं को वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जोड़ें, ताकि ग्रामीण स्तर पर पशुओं को वैक्सीनेट किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को जाकर वैक्सीनेशन का फायदा बताएं, उन्हें जागरूक करें और उन्हें यह समझाएं कि रोकथाम ही एकमात्र उपाय है। अगर जानवरों को बचाना है तो, पशुओं की  इंसान की तरह देखभाल करना जरूरी है, ताकि उन्हें भी बीमारी से बचाया जा सके।

योजना की संपूर्ण जानकारी मिले

सचिव ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के प्रति किसानों को जागरूक करें, उन्हें समझाएं कि कृत्रिम गर्भाधान से हाइब्रिड क्वालिटी प्राप्त होती है। यह विभाग की जवाबदेही है कि गांव स्तर पर जागरुकता अभियान का आयोजन कर इसे एक मुहिम के रूप में चलाएं, ताकि पशुपालकों को योजना की संपूर्ण जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि किसान अगर राज्य में मजबूत होंगे तो हमारी आगे आने वाली पीढ़ी भी आर्थिक रूप से स्वावलंबी होगी, सशक्त होगी।

दुग्‍ध उत्‍पादकों को प्रोत्‍साहन राशि

पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि राज्य में पशुपालन विभाग द्वारा प्रत्येक पंचायत में दो दिवसीय पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है। साथ ही प्रत्येक जिला में दुग्ध संग्रहण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 2 रुपए प्रति लीटर दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसकी वजह से दुग्ध संग्रहण में 40% की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी के बारे में ए टू जेड कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।

पशुपालकों के लिए वेबसाइट लॉन्च

कृषि सचिव ने राज्य के पशुपालकों के लिए एक वेबसाइट को लॉन्च किया। इसके माध्यम से पशुपालकों के पशुधन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। यह मेला हेसाग में 2 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद 3 फरवरी से राज्य के सभी जिलों में एक सप्ताह तक मेले का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में पशुपालन की डायरी का भी विमोचन किया गया। इसमें विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है। साथ ही 51 कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए गए। विभागीय सचिव ने 3 व्यक्तियों को तीन जोड़ा बैल का वितरण भी किया।

कार्यक्रम में ये भी थे मौजूद

कार्यक्रम में सहकारिता निबंधक मृत्युंजय बरनवाल, मत्स्य निदेशक एचएन द्विवेदी, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, को-ऑपरेटिव बैंक के सीईओ सहित बड़ी संख्या में पशुपालक उपस्थित थे।