नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय के निर्देश पर कोयला और लिग्नाइट पीएसयू खानों के पानी के संरक्षण एवं कुशल उपयोग के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं। पीएसयू अपने क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई जैसे सामुदायिक उपयोग के लिए खानों से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। कोयला व लिग्नाइट पीएसयू के परिचालित खानों से छोड़े गए पानी के साथ-साथ परित्यक्त खदानों में उपलब्ध पानी से कोयला खनन क्षेत्रों के आस-पास के 900 गांवों के लगभग 18 लाख लोगों को लाभ मिल रहा है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान कोयला और लिग्नाइट पीएसयू ने सामुदायिक उपयोग के लिए खानों के लगभग 4000 एलकेएल पानी की आपूर्ति करने की योजना बनाई थी। इसमें से दिसंबर, 2022 तक 2788 एलकेएल की आपूर्ति की जा चुकी है। इनमें 881 एलकेएल पानी का उपयोग पेयजल सहित घरेलू उपयोग के लिए किया गया है। खानों के पानी के लाभार्थी मुख्य रूप से जनजातीय समुदाय और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग हैं। यह प्रयास, सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण के अनुरूप है।
कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 23 के दिसंबर तक अपने हरित आवरण को 1600 हेक्टेयर तक विस्तारित करते हुए अपने वार्षिक पौधरोपण लक्ष्य 1510 हेक्टेयर को पार कर लिया है। सीआईएल ने चालू वित्त वर्ष में दिसंबर, 2022 तक 31 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं।