रांची। बिहार सरकार के एक पत्र की झारखंड के शिक्षकों के बीच खूब चर्चा हो रही है। यह पत्र बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को 26 दिसंबर को लिखा है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पत्र में लिखा है कि विभागीय संकल्प (संख्या-1071, दिनांक 07.10.2021) द्वारा राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को MACP 2010 योजना के प्रावधान के अन्तर्गत वित्तीय उन्नयन दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसके बाद विभागीय आदेश (ज्ञापांक- 1064( दिनांक- 14.09.2022) द्वारा उक्त संकल्प के क्रियान्वयन में उत्पन्न होने वाली कठिनाईयों का निराकरण किया गया है। उक्त निराकरण के बाद भी ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि कतिपय जिला द्वारा शिक्षकों को वित्तीय उन्नयन का लाभ अद्यावधि प्रदान नहीं किया जा रहा है।
निदेशक ने निर्देश दिया है कि आपके जिलान्तर्गत MACP 2010 योजना से अच्छादित शिक्षकों की संख्या एवं उनमें से कितने शिक्षकों को अद्यावधि वित्तीय उन्नयन का लाभ प्रदान नहीं किया गया है। इसके संबंध में सूचना तीन दिनों के अंदर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
जानकारी हो कि झारखंड के शिक्षक भी बिहार की तर्ज पर MACP की मांग कर रहे हैं। वह भी बिहार सरकार के आदेश का ही हवाला दे रहे हैं। हालांकि विधानसभा में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो साफ कर चुके हैं कि शिक्षकों को MACP देने का कोई प्रावधान नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुरूप वित्त विभाग के संकल्प (संख्या 2981/ वि, दिनांक-01 सितंबर, 2009) के द्वारा राज्य कर्मियों को एमएसीपी योजना के अंतर्गत पूरे सेवा काल में तीन वित्तीय उन्नयन (एमएसीपी) क्रमशः 10, 20 एवं 30 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद देय है।
उक्त संकल्प के परिशिष्ट-1 की कंडिका-16 में प्रावधान है कि एमएसीपी योजना का लाभ राजकीयकृत विद्यालय/अल्संख्यक विद्यालयों के शिक्षक, यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीईआरटी आदि वेतनमान प्राप्त करने वाले शिक्षक और पदाधिकारियों को देय नहीं है।