विद्यार्थियों ने सीखी एक दूसरे के साथ जीवन जीने की कला

झारखंड
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  • बीएयू में हार्टफुलनेश संस्था के स्टार्ट अपकार्यक्रम का आयोजन

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कोषांग और हार्टफुलनेश संस्था, रांची के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय स्टार्ट ‘अप’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका समापन शनिवार देर शाम हुआ।

कार्यक्रम में अंतिम दिन हार्टफुलनेश संस्था की जोनल को-ऑर्डिनेटर सुनंदा चौहान और अनुप चौहान, स्टेट को-ऑर्डिनेटर रिकिता स्वरुप, फेसिलीटेटर विशाल पार्था, लीपाक्षी राठौर, ईशा एवं कल्याण मिश्रा भी जुड़े।

पहले दिन स्वर्णिमा प्रसाद और दूसरे दिन संगीता मिश्रा ने भागीदारी की। छात्रों को प्रशिक्षित किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को एक दूसरे के साथ जीवन जीने की कला और जीवित एवं निर्जीव पर परस्पर निर्भरता के बारे में बताया गया। उन्हें त्रिभुज व्यायाम, नियंत्रण और चिंता, वसुधैव कुटुम्बकम, विश्राम और ध्यान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं की व्यावहारिक जानकारी दी गयी।

समापन पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने स्टार्ट ‘अप’ कार्यक्रम को छात्रों के लिए अनूठी पहल बताया। इस तरह के कार्यक्रम पूरे विश्वविद्यालय परिसर को उत्कृष्टता प्राप्त करने और एक सकारात्मक मूल्य भरे पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए छात्रों को पहल करने की सलाह दी।

यूनिवर्सिटी प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर (एनएसएस) डॉ बीके झा ने कहा कि सरल ह्रदय और केंद्रित ध्यान तकनीक से किसी व्यक्ति के भीतर ज्ञान, उर्जा और विश्वास को रूपांतरित करने की यह कला छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी।

जोनल को-ऑर्डिनेटर सुनंदा चौहान ने कहा कि यह भारतीय दार्शनिक ज्ञान की एक प्राचीन कला है, जो उच्च आंतरिक स्वंय के अस्तित्व की गहरी समझ के आधार पर व्यक्तित्व विकास और चरित्र निर्माण पर केंद्रित है।

स्वागत करते हुए कार्यक्रम पर्यवेक्षक एवं एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (वेटनरी) डॉ प्रवीण कुमार ने कार्यक्रम के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी (एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग) डॉ उत्तम कुमार ने किया।

कार्यक्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के दस कॉलेज के छात्रों ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से जुड़े।