टाटा स्‍टील के कौशिक चटर्जी बने आईएफआरएस फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं बोर्ड सदस्य

मुंबई देश
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  • एसडीजी के लिए यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट सीएफओ कोअलिशन के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य भी नियुक्ति

मुंबई। टाटा स्‍टील के इग्जेक्यूटिव डाइरेक्टर एवं चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कौशिक चटर्जी को 1 जनवरी, 2023 से आईएफआरएस फाउंडेशन के छह नए ट्रस्टियों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के लिए ग्लोबल कॉम्पैक्ट सीएफओ  कोअलिशन के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया गया है, जहां वे इंडस्ट्रियल गुड्स के लिए सेक्टर लीड होंगे। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा।

आईएफआरएस फाउंडेशन इंटरनेशनल एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (आईएएसबी) एवं इंटरनेशनल सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड्स बोर्ड (आईएसएसबी) के माध्यम से प्रकटीकरण मानकों के विकास के लिए जिम्मेदार है। फाउंडेशन के ट्रस्टीगण स्ट्रैटेजी, गवर्नेंस एवं ओवरसाइट तथा नई नियक्तियों को संचालित करते हैं, जो सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड को बनाने पर बल देता है।

एसडीजी के लिए सीएफओ कोलिएशन को कॉर्पोरेट वित्त में शामिल करके पहल में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और 2030 तक एसडीजी- निर्देशित वित्त के लिए $10 ट्रिलियन बाजार बनाने की दिशा में तैयार है। यह एडवाइजरी बोर्ड उद्योग एवं भौगोलिक विशेषज्ञता प्रदान करता है, रणनीति का मार्गदर्शन करता है एवं गठबंधन की अधिक सदस्यता प्रदान करता है।

कौशिक चटर्जी क्लाइमेट रिलेटेड फाइनैंशियल डिस्क्लोजर्स (टीसीएफडी) और नेचर रिलेटेड फाइनैंशियल डिस्क्लोजर्स (टीएनएफडी) पर टास्कफोर्स के भी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि नए साल से आईएफआरएस फाउंडेशन में ट्रस्टी के रूप में शामिल होना सौभाग्य की बात है, वह भी ऐसे समय में जब हम निवेशकों, नियामकों, समुदायों एवं और हितधारकों की अपेक्षाओं के अनुरूप वित्तीय और सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग के एक नए एकीकृत भविष्य को विश्व स्तर पर लाने के लिए तैयार हैं।

चटर्जी ने कहा कि मैं एसडीजी के लिए यूएनजीसी सीएफओ कोएलिशन के सलाहकार बोर्ड में शामिल होकर भी प्रसन्न हूं, जो निगमों में पूंजी निवेश और रणनीतिक निर्णयों में एसडीजी को शामिल करने की उम्मीद करता है। मैं अन्य सदस्यों के साथ काम करने के लिए तत्पर हूं, ताकि हमारी महत्वाकांक्षी पहलों को क्षेत्रीय और भौगोलिक दृष्टिकोण के संदर्भ में तैयार किया जा सके। सस्टेनेबल वित्त पोषण, प्रभावी और पारदर्शी रिपोर्टिंग एवं प्रकटीकरण से निगमों को अधिक सस्टेनेबेल दीर्घकालिक भविष्य के लिए बदलाव में तेजी लाने में मदद मिलेगी।