जेएमए ने ‘न्यू लेबर लॉ कोड एंड इट्स इम्पैक्ट ऑन इंडस्ट्री’ पर किया वर्कशॉप

झारखंड
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जमशेदपुर। नए श्रम संहिताओं के तहत संशोधित प्रावधान, संगठनों और उनके कार्यबल दोनों पर भारी प्रभाव डालने के लिए तैयार हैं। यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि ये कैसे कारोबार को सुगम बनाने में सुधार करेंगे। परिवर्तनों के अनुरूप अभ्यासों को संरेखित करने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए।

श्रम मंत्रालय ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समेकित किया है- मजदूरी पर कोड, सामाजिक सुरक्षा कोड, औद्योगिक संबंध कोड और व्यावसायिक, सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति से संबंधित कोड। इस संदर्भ में जमशेदपुर मैनेजमेंट एसोसिएशन (जेएमए) ने 9 दिसंबर, 2022 को द यूनाइटेड क्लब, जमशेदपुर में न्यू लेबर लॉ कोड्स 2020 और उद्योग पर इसके प्रभाव पर आधे दिन की कार्यशाला का आयोजन किया।

झारखंड सरकार के श्रम विभाग के उप श्रम आयुक्त और अतिरिक्त रजिस्ट्रार- ट्रेड यूनियन राजेश प्रसाद कार्यशाला के विशेषज्ञ थे। प्रसाद ने प्रतिभागियों को श्रम संहिताओं में प्रस्तावित परिवर्तनों से अवगत कराया और कहा कि नए श्रम कानूनों का उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

प्रसाद ने वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता और सामाजिक सुरक्षा संहिता पर झारखंड के संबंध में प्रस्तावित परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। इस लक्षित चर्चा में कमिंस, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टिमकेन और टाटा मोटर्स के 22 एचआर/आईआर पेशेवरों ने भाग लिया।

जेएमए के निदेशक (कॉर्पोरेट रिलेशंस) सतीश अग्रवाल के साथ सुश्री अस्मिता सालुंखे, सेंटरहेड जेएमए और विनय कुमार, मैनेजर, जेएमए ने कार्यक्रम का संचालन किया।