- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 2017-18 से 2020 तक के क्लेम का भुगतान होगा
रांची। राज्य सरकार अपने हिस्से का राज्यांश देने को तैयार है, बशर्ते बीमा कंपनियां अपनी तरफ से शपथ पत्र दें। उक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कही। वे भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हो रही बैठक में नेपाल हाउस स्थित सभागार में बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बीमा कंपनियों को लगातार 2015-16 से राशि तो दे रही है, पर किसानों को उस मात्रा में इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में बीमा कंपनियों द्वारा जैसे ही शपथ पत्र दिया जाएगा, राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि तुरंत रिलीज कर देगी। इसे लेकर केंद्र सरकार से आई टीम ने स्पष्ट तौर से बीमा कंपनियों को शपथ पत्र देने के निर्देश दिए।
बादल ने इसके बाद विभागीय सचिव अबूबकर सिद्दीख पी से कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़ी इंश्योरेंस कंपनियों को राज्यांश की राशि देने की पहल करे। राज्यांश और केन्द्रांश की राशि मिलते ही प्रभावित किसानों को क्लेम की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जायेगी।
मंत्री ने केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिये बीमा कंपनियों द्वारा किसानों के लंबे दावे का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए। राज्य के बिरसा किसानों के प्रति मुख्यमंत्री काफी संवदेनशील हैं। योजनाओं का क्षेत्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है।
बादल ने कहा कि झारखंड के किसानों के लिए यह खुशी की बात होगी कि उन्हें जल्द ही बीमा की राशि मिल जाएगी। बीमा कंपनियां हमारे किसानों को 811 करोड़ रुपए रिलीज करने को तैयार हो गई है। राज्य सरकार भी 352 करोड़ राज्यांश देने को तैयार है। अन्य प्रदेशों की तरह तकनीक का सहारा लिया जायेगा। ऐसा करने पर प्रीमियम भी कम आएगा।
बादल ने कहा कि यह बिरसा का प्रदेश है। बिरसा किसानों के हित में जो भी केंद्र सरकार सहयोग करेगी, राज्य सरकार भी पूरी तत्परता के साथ करने को तैयार है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा। क्लेम को लेकर कुछ आशंकाएं थीं। उस वक्त एक कंपनी को छोड़कर किसी भी कंपनी ने क्लेम का भुगतान नहीं किया था।
बीमा कंपनियों से झारखंड सरकार के बीच क्लेम को लेकर जो विवाद था, बैठक के माध्यम से सुलझा लिया गया है। अब कंपनियां शपथ पत्र देने को तैयार हो गई हैं। इन सब बातों को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान ने कहा कि भारत सरकार पूरे देश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। झारखंड के किसान जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं, जिनका 2017-18 से 2020 तक का क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है, उन किसानों को जल्द ही क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा।
राज्य सरकार द्वारा जैसे ही राशि रिलीज की जाएगी, इंश्योरेंस कंपनियां किसानों के लंबित दावे 811 करोड़ की राशि का भुगतान 7 दिनों के अंदर करेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। लापरवाही बरतने वाली कंपनी के उपर पैनाल्टी लगाने का प्रावधान भी किया गया है।
यह भी तय किया गया कि सभी इंश्योरेंस कंपनियां राज्य सरकार को शपथ पत्र देंगी। केन्द्रांश और राज्यांश की राशि मिलने के सात दिनों के अंदर सभी किसानों के क्लैम का भुगातन उनके बैंक एकाउंट में कर दिया जायेगा।
बैठक में कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिख पी, सहकारिता निबंधक मृत्युंजय वर्णवाल, ज्वाइंट सेक्रेट्री गोपाल जी तिवारी, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट कमिश्नर सुनील कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।