केंद्र सरकार ने इस वजह से की अल्पसंख्यक समुदाय के शोधार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आयी है. केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को मिलने वाली मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप (एमएएनएफ) को इस शैक्षणिक वर्ष से बंद करने का फैसला किया है.

इस फेलोशिप को सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने के तौर पर यूपीए सरकार के दौरान शुरू किया गया था. द हिंदू के अनुसार, अल्पसंख्यक मंत्रालय संभाल रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि एमएएनएफ कई अन्य योजनाओं के साथ ओवरलैप कर रही थी.

ईरानी ने कहा, चूंकि एमएएनएफ योजना सरकार द्वारा लागू उच्च शिक्षा के लिए कई अन्य फेलोशिप योजनाओं के साथ ओवरलैप करती है और अल्पसंख्यक छात्रों को पहले से ही ऐसी योजनाओं के तहत कवर किया गया है, इसलिए सरकार ने 2022-23 से एमएएनएफ योजना को बंद करने का फैसला किया है.’

उन्होंने कहा कि योजना को लागू करने वाले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इसके तहत 2014-15 और 2021-22 के बीच लगभग 6,722 उम्मीदवारों का चयन किया गया था और इस दौरान 738.85 करोड़ रुपये की फेलोशिप वितरित की गई.