अमित शाह से मिले चिराग पासवान, क्या बिहार में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था एक बार फिर जंगल राज की याद दिला रही है। शराबबंदी वाले राज्य में जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए।

ऐसे में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री को एक पत्र सौंपकर बिहार की कानून व्यवस्था की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है।

पासवान ने पत्र में कहा है कि बिहार में उत्पन्न अराजक स्थिति से लोग भयाक्रांत हैं। एक ओर जहां लगातार बढ़ रही अपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। दूसरी ओर राज्य सरकार निष्क्रिय बनी मूकदर्शक की भूमिका में है।

पत्र में लोजपा (रामविलास) के नेता ने बताया कि गत 17 दिसम्बर को मेरे नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर उन्हें राज्य में उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। तथा उनसे राष्ट्रपति लगाने की अनुशंसा करने का अनुरोध भी किया था।

चिराग ने कहा कि सारण जिले में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान चली गयी। इस मामले में भी सरकार तथ्य छिपा रही है। मृतकों की संख्या 150 से अधिक है और ये सभी गरीब एवं कमजोर वर्ग के हैं। लोगों ने बताया कि प्रशासनिक संरक्षण में शराब की सहज उपलब्धता उस क्षेत्र में है।

चिराग ने पत्र में कहा है कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में बालू माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया तथा अपराधी सरकार संरक्षित हैं और खुलकर अपनी गतिविधि चला रहे हैं। राज्य में सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है।

पत्र के अंत में कहा गया है कि बिहार की परिस्थिति बेहद गंभीर एवं चिंता पैदा करने वाली है। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि बिहार की जनता के हित में तथा यहां कानून का राज कायम करने के लिए अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।