- अभियंताओं पर सरकारी पद का दुरुपयोग, अपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी कर राशि गबन करने का आरोप
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन अभियंता के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति का आदेश दिया है। इन अभियंताओं पर सरकारी पद का दुरुपयोग, अपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी कर राशि गबन करने का आरोप है।
रामगढ़ थाना में मामला दर्ज
इस मामले में रामगढ़ थाना (कांड स.-208/11) में प्राथमिकी अभियुक्त गुमानी रविदास, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, देवदर्शन सिंह, सेवानिवृत प्रभारी कार्यपालक अभियंता, सुनील कुमार, तत्कालीन सहायक अभियंता के विरुद्ध मामला दर्ज है। मुख्यमंत्री ने भारतीय दंड विधान, 1860 की धारा-406/419/420/467/468/471/34 के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी है।
वित्तीय अनियमितता पाई गई
रामगढ़ जिला में महिला आईटीआई के निर्माण के लिए प्राक्कलित राशि 80,77,160 रुपये के विरूद्ध प्राथमिकी अभियुक्तों को 50,00,000 रुपये निर्माण के लिए भुगतान किया गया। योजना की जांच के क्रम में कार्य की गुणवत्ता एवं मापी में कमी पायी गई। फलतः योजना की तकनीकी जांच सहायक अभियंता एवं इनके द्वारा की गई। जांच के क्रम में काफी वित्तीय अनियमितता पाई गई। कुल प्राप्त 50,00,000 रुपये के विरूद्ध अधिकतम मूल्यांकन 34,00,000 रुपये पाया गया, जबकि कार्य के विरुद्ध पूरी राशि के व्यय होने की बात दशार्थी गई। इस कार्य के क्रियान्वयन में लगभग 15,00,000 रुपये उपरोक्त प्राथमिकी अभियुक्तों द्वारा गबन किये जाने की बात परिलक्षित होती है।
मापी में अंतर पाई गई
इसी प्रकार पुरुष आईटीआई रामगढ़ के निर्माण की प्राक्कलित राशि 3,35,39,453 रुपये थी। इसके विरुद्ध कुल 3,15,39,453 रुपये निर्माण के लिए भुगतान किया गया। उक्त कार्य कनीय अभियंता माधव प्रसाद सिंह, हरिहर चौधरी एवं वासुदेव प्रसाद द्वारा कराया गया और मापी पुस्तिका में दर्ज की गई। इस योजना की जांच के क्रम में कराए गए कार्यों एवं मापी पुस्तिका में दर्ज मापी में अंतर पायी गई।
इस प्रकार उपरोक्त वर्णित प्राथमिकी अभियुक्त द्वारा सरकारी पद का दुरुपयोग, अपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता करते हुए सरकारी राशि गबन करने का आरोप गठित किया गया है।