पलामू। शिक्षा और शिक्षक हितों के समर्थन में चार सूत्री मांगों को लेकर अजाप्टा के सदस्यों का विभाग के प्रति आक्रोश उबाल पर है। बीते 15 अक्टूबर, 22 को अजाप्टा की केंद्रीय समिति के निर्णय के आलोक में सैकड़ों शिक्षक हुसैनाबाद स्थित उर्दू मध्य विद्यालय परिसर में 4 नवंबर, 22 की अहले सुबह 8 बजे जमा हुए। काला बिल्ला लगाकर आंदोलन के प्रथम चरण का आगाज किया। काला बिल्ला लगाकर 5 नवंबर, 22 को भी विद्यालय का काम किया जाएगा।
शिक्षकों ने कहा कि मांगों को लेकर संघ के पदधारियों ने समय-समय पर विभाग को ज्ञापन सौंपा है। शिष्टाचार मुलाकात की। विभागीय मीटिंग भी हुई। फिर भी सकारात्मक हल नहीं निकला है।
शिक्षकों ने कहा कि झारखंड में बिहार की प्रोन्नति नियमावली प्रभावी है। बिहार में शिक्षकों को ‘एमएसीपी’ मिल रहा है, लेकिन झारखंड के शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा है। छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित इन्ट्री पे स्केल सचिवालय कर्मियों को दिया गया, लेकिन शिक्षकों को परे रखा गया। इससे सरकार का दोहरा चरित्र उजागर होता है। सौतेलापन से आहत अजाप्टा ने आर-पार की लड़ाई के लिए चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है।
आंदोलन में प्रखंड अध्यक्ष जुबैर अंसारी, सचिव निर्मल कुमार, प्रमंडलीय सोशल मीडिया राजेश कुमार गुप्ता, एचएम विजय सिंह, अंगद प्रसाद, जितेंद्र राम प्रखंड कोषाध्यक्ष, सुरेंद्र राम, जिला संयुक्त सचिव, रंजीत कुमार, कन्हैया प्रसाद, जीएस चौबे, गिरिवर राम, धुरेंद्र पटेल, शंकर पासवान, महेंद्र बैठा, मनोज कुमार चौधरी, प्रमोद पासवान, सुनील पासवान, महेश यादव, दीप नारायण सिंह, शकील अहमद, सैय्यद इकबाल हुसैन, हासिम अली, इकबाल अहमद ने शिरकत की।
इसके अलावा इशरत हुसैन, मो नईम, जफीरुद्दीन, कृष्ण कांत सिंह, परमानंद प्रियदर्शी, राजेंद्र चौधरी, राजेंद्र पासवान, विजय भारती, विजय चौधरी, प्रभु राम, कमलेश पासवान, बिहारी रजक, योगेन्द्र पासवान, संजय पासवान, विनोद राम, उमेश पासवान, आशा कुमारी, शारदा कुमारी, पुष्पा कुमारी, पूनम कुमारी, नरेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, राम लाल राम, दीवाकर पटेल, संतोष राम, महेंद्र प्रसाद, उपेंद्र कुमार, अवधेश पासवान, कामेश्वर पासवान, नरेश गुप्ता, रविन्द्र ठाकुर, सैय्यद शाने अहमद, अनिल राम, इलियास हुसैन, अनूप सिंह, महेंद्र विश्वकर्मा सहित अन्य शिक्षकों की भी उपस्थिति रही।
ये है चरणबद्ध आंदोलन
4 और 5 नवंबर को काला बिल्ला लगाना।
7 से 12 नवंबर को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपना।
19 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव।
17 दिसंबर से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन।
ये है मांगें
बिहार की तर्ज पर झारखंड के शिक्षकों को MACP का लाभ दिया जाय।
छठे वेतन आयोग की विसंगतियों का निराकरण करते हुए इंट्री पे 16,290 किया जाय।
इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर नियमों का सरलीकरण करते हुए एक बार गृह जिला स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाय।
गैर शैक्षणिक कार्यों एवं रिपोर्टिंग के अत्यधिक दवाब से शिक्षकों को पूर्णतः मुक्त किया जाय।