हैदराबाद। हैरान कर देने वाली खबर हैदराबाद से आयी है, जहां एक पिता ने सुपारी देकर अपने ही बेटे की हत्या करवा दी। पहली नजर में इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन यह सच है। पिता-पुत्र के रिश्ते पर सवाल उठाने वाला यह मामला तेलंगाना के हैदराबाद से सामने आया है।
इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के हत्थे चढ़े लोगों में मृतक युवक के माता-पिता, उसके मामा और उसकी हत्या करने वाले चार बदमाश शामिल हैं।
हत्या की यह घटना 18 अक्टूबर की है, लेकिन आज पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए जो कहानी बताई उसे सुनकर कोई भी निर्णय लेना मुश्किल है।
दरअसल 18 अक्टूबर को 26 वर्षीय साई राम नामक युवक की लाश सूर्यापेट के मूसी से बरामद हुई थी। लाश बरामदगी के बाद साई राम के पिता क्षत्रिय राम सिंह ने अस्पताल में उसकी पहचान अपने बेटे के रूप में की थी।
साई राम की हत्या के मामले की जांच में जुटी पुलिस ने आज यह खुलासा किया कि साई राम की हत्या उसके परिजनों ने ही सुपारी देकर करवाई। पुलिस ने बताया कि साई राम के पिता क्षत्रिय राम सिंह, उसकी मां और उसके मामा ने हत्या की साजिश रची। इनलोगों ने बदमाशों को 8 लाख रुपए देकर अपने इकलौते बेटे की हत्या करवाई।
पुलिस ने बताया कि साई राम शराब के नशे में धुत्त रहा करता था। जब उसके परिजन शराब पीने से मना करते थे, तो वो उनके साथ मारपीट किया करता था। शराब के लिए परिजनों से पैसे की मांग करता था। पैसा नहीं देने पर माता-पिता की पिटाई भी करता था। ऐसे में शराबी बेटे के अत्याचारों से तंग आकर माता-पिता ने ही उसकी हत्या के लिए 8 लाख की सुपारी दे दी।
पुलिस ने बताया कि साईं राम का पिता क्षत्रिय राम सिंह एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मारे गए लड़के के माता-पिता, मामा और सुपारी लेने वाले 4 अन्य लोग शामिल हैं। सुपारी किलरों ने बताया कि साई राम को मंदिर ले जाने के बाद शराब पिलाई और फिर रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस की पूछताछ में साई राम के माता-पिता ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। बताया कि साई राम की बहन अमेरिका में सेटल है। नशा छुड़वाने के लिए परिवार ने मृतक साईं राम को हैदराबाद के एक पुनर्वास केंद्र भी भेजा था, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ।
इससे तंग आकर माता-पिता ने उसे मारने की सुपारी दे दी। मर्डर के लिए डेढ़ लाख रुपए एडवांस दिए गए। बाकी साढ़े छह लाख रुपए हत्या के तीन दिन बाद देने की बात हुई थी।