- बीडीओ को माइक्रोप्लान तैयार कर किसानों से आवेदन प्राप्त करने का आदेश
रांची। वर्षापात एवं अल्प फसल आच्छादन के फलस्वरुप रांची जिले के सुखाड़ प्रभावित कृषक परिवारों को आनुग्राहिक राहत भुगतान को लेकर 26 नवंबर, 2022 को रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी रांची सदर दीपक दुबे, अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू अजय कुमार, अपर समाहर्ता, रांची राजेश बरवार, अपर समाहर्ता (नक्सल) रामवृक्ष महतो, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, जिला के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीएससी मैनेजर, ईडीएम एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त द्वारा कम वर्षापात एवं अल्प फसल आच्छादन के फलस्वरुप जिले के 16 प्रखंडों में सुखाड़ प्रभावित कृषक परिवारों एवं भूमिहीन कृषक मजदूर को आनुग्राहिक राहत भुगतान के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि रांची जिला में कांके और राहे प्रखंड को छोड़कर 16 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। उन्होंने इन प्रखंडों के प्रभावित कृषक परिवारों एवं भूमिहीन कृषक मजदूर को आनुग्राहिक राहत भुगतान के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए प्रज्ञा केंद्रों को पंचायतवार टैग करने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ देने के लिए आवश्यकता पड़े तो किसानों का डोर टू डोर निबंधन भी कराएं।
उपायुक्त द्वारा प्रत्येक प्रज्ञा केंद्र का प्रभारी भी बनाए जाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा योजना का लाभ देने के लिए किसानों को चिन्हित करने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन करें। इसमें मुखिया, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति को भी शामिल करें। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को माइक्रोप्लान तैयार कर किसानों से आवेदन प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने 1 सप्ताह में पंचायतवार कैंप लगाकर प्रज्ञा केंद्र को टैग करते हुए सुखाड़ प्रभावित किसानों एवं भूमिहीन कृषक मजदूर जिनकी कृषि आधारित आजीविका का साधन सुखाड़ से प्रभावित हुआ हो उनका ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जारी एसओपी के अनुरूप प्राप्त आवेदनों का सत्यापन भी सुनिश्चित करें।
इन परिवारों से आवेदन आमंत्रित किया जाना है
1. सुखाड़ से प्रभावित वैसे कृषक, जो जीविकोपार्जन के लिए मुख्यतः कृषि पर निर्भर हैं। जिनके द्वारा वर्ष 2022 की खरीफ बुआई नहीं की गई हो, परन्तु पारंपरिक रूप से पूर्व में ऐसे कृषक बुआई का कार्य करते रहे हो।
2. सुखाड़ से प्रभावित कृषक जो जीविकोपार्जन के लिए मुख्यतः कृषि पर निर्भर हैं, जिनकी फसल 33 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई हो।
3. भूमिहीन कृषक मजदूर जिनकी कृषि आधारित आजीविका का साधन सुखाड़ से प्रभावित हुआ हो।
बैठक के दौरान झारखंड राज्य फसल राहत योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने किसानों के निबंधन, सत्यापन की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करते हुए आवेदनों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। कांके और राहे प्रखंड में उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों को योजना से आच्छादित करने का आदेश दिया।
कृषि ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को किसानों को मोबिलाइज करते हुए ज्यादा से ज्यादा आवेदन प्राप्त करने का निर्देश दिया।