मनरेगा में गड़बड़ी : मुखिया सहित 10 आरोपियों के विरुद्ध एसीबी करेगा जांच

झारखंड मुख्य समाचार
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  • चार अभियंता, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, लाभुक एवं अन्य पर गबन का आरोप

रांची। मनरेगा योजना अंतर्गत कूप निर्माण में सरकारी राशि का दुरुपयोग करने के 10 आरोपियों के विरूद्ध एसीबी जांच करेगा। चार अभियंता, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, लाभुक एवं अन्य पर गबन का आरोप है। यह मामला चतरा से जुड़ा है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मनरेगा योजना अंतर्गत कूप निर्माण में सरकारी राशि का दुरूपयोग करने संबंधी 10 आरोपियों के विरुद्ध प्रावधान के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने की अनुमति भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया है।

जांचकर द्वारा जांच के बाद उल्लेख किया गया है कि चतरा निवासी बसंत सिंह एवं नरेश सिंह के नाम से दो कूप निर्माण की योजना थी। एक ही कूप निर्माण कर दोनों कूप की राशि निकासी कर सरकारी राशि का गबन किया गया है।

यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता है कि नरेश सिंह के नाम से कूप निर्माण के नाम पर मुखिया, पंचायत सेवक एवं कनीय अभियंता ने मिलीभगत कर 58,280 रुपये की सरकारी राशि की निकासी कर गबन कर लिया गया।

उक्त योजनाओं की जांच से स्पष्ट है कि स्थल पर बिना कार्य कराये ही 2,65,299 रुपये सरकारी राशि की निकासी कर बन्दरबांट कर गबन किया गया है।

इसके लिये प्रेमचन्द्र पाण्डेय (लाभुक), विशुन उरांव (रोजगार सेवक), नरेश हजाम (पंचायत सेवक), विवेक कुमार (पंचायत सेवक), संजु देवी (मुखिया), मिथिलेश सिंह उर्फ राकेश सिंह, सामग्री आपूर्तिकर्ता (वर्तमान मुखिया, सीमा पंचायत, चतरा), केदार सिंह (कनीय अभियंता), राजेश कुमार (कनीय अभियंता), संजय सिंह (सहायक अभियंता), तारणी मंडल (कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी) एवं अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का साक्ष्य पाया गया।