BIHAR : गोपालगंज में बीजेपी की जीत और राजद की हार के पीछे ये शख्स जिम्मेदार

बिहार देश
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पटना। बड़ी खबर बिहार से आयी है, जहां दो सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हुए मोकामा और गोपालगंज. दोनों जगह आरजेडी के उम्मीदवार मैदान में थे.

बिहार में जेडीयू और आरजेडी के महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला चुनाव था. मोकामा की सीट आरजेडी आसानी से जीत गई, मगर गोपालगंज की सीट पर बीजेपी ने अपना कब्जा बरकरार रखा.

गोपालगंज सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ. यह सीट बीजेपी करीब 2000 वोटों से जीती, मगर यहां आरजेडी के हारने का कारण असदुद्दीन ओवैसी रहे. उनकी पार्टी AIMIM को 12000 वोट मिले और BSP को 8000 वोट. यानी इन दोनों दलों की वजह से वोट बंटे. खासकर ओवैसी की वजह से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हुआ.

कई जानकारों का कहना है कि जिस तरह तेजस्वी ने ओवैसी की पार्टी का आरजेडी में विलय किया था, उसका बदला ओवैसी ने ले लिया. यह पहली बार नहीं है कि ओवैसी ने तेजस्वी यादव को नुकसान किया हो.

बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त भी सीमांचल, यानी पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज जैसे इलाकों में ओवैसी ने अच्छी पकड़ बना ली थी और पांच सीटें जीत ली थीं. इसके अलावा करीब 10 से ज़्यादा सीटों पर आरजेडी को नुकसान पहुंचाया था.

हाल ही में तेजस्वी ने ओवैसी की पार्टी के सभी विधायकों को अपनी पार्टी में मिलाकर बिहार में ओवैसी की पार्टी ही खत्म कर दी थी. बिहार की राजनीति के जानकार मानते हैं कि इसी का बदला ओवैसी ने तेजस्वी से लिया है.

गोपालगंज के बहाने अब एक बड़ा सवाल आरजेडी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और कांग्रेस के सामने यह है कि ओवैसी के बढ़ते प्रभाव से कैसे निपटा जाए, क्योंकि ये तो सच्चाई है कि मुस्लिम मतदाता औवेसी को वोट दे रहे हैं और मुस्लिम वोटों का यह बंटवारा बाकी दलों को परेशान कर रहा है.

इन सभी दलों को कोई ना कोई हल निकालना पड़ेगा कि या तो वो ओवैसी से लड़ने के लिए कोई रणनीति बनाएं या फिर अपने-अपने हिस्से में से उन्हें कुछ सीटें देकर उन्हें अपने गठबंधन का हिस्सा बना लें.