रांची। रांची विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई, यूनिसेफ एवं गोस्सनर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 20 नवंबर को ‘आओ कुछ नया सीखें (हंसी)’ और ‘मासिक धर्म स्वच्छता’ पर जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया। रांची के पहाड़ी मंदिर के समीप पहाड़ी टोला स्लम में कार्यक्रम हुआ। वहां कॉपी, पेंसिल, रबर, कपड़ा एवं सेनेटरी पैड वितरण भी किया गया। यूनिसेफ की संचार पदाधिकारी आस्था अलंग, एनएसएस के डॉ ब्रजेश कुमार एवं डॉ सुब्रतो सिन्हा के मार्गदर्शन में कार्यक्रम हुआ।
हंसी कार्यक्रम में 120 छोटे-छोटे बच्चों को एनएसएस के स्वयंसेवकों ने स्वच्छता, हाथ धुलाई के तरीकों, खेल-खेल में पढ़ाई आदि गतिविधियां बताई। आत्मविश्वास जगाने के लिए संवाद किया। उनके दिनचर्या की जानकारी ली। एनएसएस के 50 स्वयंसेवकों ने उन बच्चों को पढ़ाया-लिखाया। उनके अंदर की छुपी प्रतिभा को भी समझने का काम किया।
इस अवसर पर डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि यूनिसेफ और एनएसएस की साझेदारी में ऐसा अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। आने वाले दिनों में ‘इच वन-टीच वन’ के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों के बीच पढ़ाई के साथ व्यवहारिक ज्ञान, संस्कार एवं सामाजिक संवेदना आदि भावों को विकसित किया जाएगा। हंसी के कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के बीच कॉपी, पेंसिल, रबर, कटर और कपड़ों का वितरण किया गया।
यूनिसेफ की कंसलटेंट डॉ प्रियंका सिंह ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान सावधानी, विशेष स्वच्छता रखने और इसे महिलाओं के विशेष उपहार के रूप में देखना चाहिए। इस कार्यक्रम में 55 महिला एवं किशोरियों ने मासिक धर्म के बारे में खुलकर संवाद किया। पहाड़ी टोला स्लम की लगभग 200 महिला एवं किशोरियों के बीच सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सावित्री देवी, संजू देवी, सुमन एवं सुनीता ने सवाल पूछे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सुब्रतो सिन्हा, डॉ करण मिंज, पूनम कुमारी, आस्था कुमारी, उज्ज्वल कुमार, संदीप कुमार, श्रद्धा, पूजा कुमारी, अविनाश कुमार आदि एन एस के स्वयंसेवकों का उल्लेखनीय योगदान रहा।