सौतेले व्यवहार से अजीज शिक्षकों ने सीएम के नाम जिलों के डीसी को सौंपा ज्ञापन

झारखंड
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  • रविवार को रांची में संघ की बैठक, हो सकती है आंदोलन की घोषणा

रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की प्रदेश इकाई के आह्वान पर प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने राज्य के सभी जिलों में उपायुक्तो के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा। इस दौरान राजधानी रांची सहित सभी जिला समाहरणालयों पर ज्ञापन सौंपने के दौरान सैकड़ों की संख्या में शिक्षको की उपस्थिति रही। आगे के आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए संघ की रांची में रविवार को बैठक होगी।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे और महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने बताया कि झारखंड में शिक्षकों को अन्य राज्य कर्मियों की भांति सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना के लाभ से अब तक वंचित रखा गया है। बिहार सरकार ने अपने शिक्षकों के लिए इसे लागू कर दिया है। शिक्षकों के छठे वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण अब तक नहीं किया गया, जबकि  सदृश मामले में सचिवालय कर्मियों का सरकार ने समाधान कर दिया है। ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस सौतेले व्यवहार से शिक्षक अजीज होकर राज्यस्तरीय आंदोलन की ओर बढ़ने को बाध्य हैं।

प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण की वर्तमान व्यवस्था नाकाफी और अपूर्ण है। इसमें आवश्यक संशोधन किया जाना बेहद जरूरी है। शिक्षक अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं, क्योंकि आए दिन शिक्षकों को अत्यधिक लिपिकीय कार्यों में उलझाकर शिक्षण व्यवस्था को बाधित किया जा रहा है। गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति शिक्षा अधिकार कानून की मांग है।

पदधारियों ने बताया कि 9 अगस्त को संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक रांची में आहूत की गई है। इसमें सभी जिलों के प्रतिनिधियों को उपस्थिति में मांगों की पूर्ति के लिए आंदोलनात्मक रणनीति की घोषणा की जाएगी।

रांची में मांग पत्र सौंपने में संतोष कुमार, असदुल्ला, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, कृष्णा शर्मा, दीपक दत्ता, अनिल कुमार, बाल्मीकि कुमार, हरेकृष्ण चौधरी, प्रभात कुमार, राजेश कुमार, संजय कुमार, धीर दुबे, अमरेश  सिंह, नंदकिशोर यादव, रामचंद्र खैरवार, सुरंजन कुमार, मनी उरांव, मनी राम, सुनील दुबे, दिलीप श्रीवास्तव, दिलीप, रमेश कुमार, सचिदानंद सिंह, प्रवीण कुमार, संजय कुमार, हरीश कुमार, महेश्वर घोष, शिव शंकर रजक, रविकांत रवि, अशोक कुमार आदि लोग शामिल थे।

मुख्य मांगें

शिक्षकों के लिए एमएसीपी लागू करना

छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करना

अंतरजिला स्थांनातरण को सरल और सुलभ करना

शिक्षकों को अत्यधिक लिपिकीय और गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करना