विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब के पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को इस मामले में किया गिरफ्तार

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चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को मनमोहन कुमार, एआईजी को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है.

उनके खिलाफ यह कार्रवाई विजिलेंस जांच के सिलसिले में हुई है. पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर हुई है और आरोपियों से 50 लाख रुपये की रिश्वत की राशि बरामद कर ​ली गई है.

विजिलेंस ब्यूरो पंजाब के मुख्य निदेशक वी कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हमारी टीम ने सुंदर शाम अरोड़ा को रिश्वत की पेशकश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा और उन्हें धारा 8 (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत गिरफ्तार कर लिया.

50 लाख रुपये रिश्वत की रकम भी बरामद हुई है. हम आरोपी पूर्व मंत्री को आज अदालत में पेश करेंगे और पूछताछ के लिए रिमांड की मांग करेंगे.’

विजिलेंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक वरिंदर कुमार ने बताया कि AIG मनमोहन कुमार ने शिकायत की कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री एसएस अरोड़ा ने उनसे 14 अक्टूबर को मुलाकात की और उनके खिलाफ दर्ज सतर्कता जांच में पक्ष लेने के लिए 1 करोड़ रुपए की पेशकश की.

पूर्व मंत्री ने अगले दिन 15 अक्टूबर को 50 लाख रुपए और बाद की तारीख में शेष राशि का भुगतान करने की पेशकश की थी. वह 50 लाख रुपए एडवांस लेकर मोहाली पहुंचे थे.

उन्हें जीरकपुर के कास्‍मो माल से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की एक टीम शनिवार रात लगभग 11 बजे उनके होशियारपुर स्थित घर पहुंची और 2:30 घंटे तक तलाशी ली. पंजाब में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे साधू सिंंह धर्मसात और भारत भूषण आशु समेत कई नेताओं को भ्रष्‍टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है.

कई पूर्व मंत्री विजिलेंस के रडार पर बताए जाते हैं. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सुंदर शाम अरोड़ा कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुए थे. कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया था.

दरअसल, मनमोहन कुमार होशियारपुर के कस्बा हरियाना के रहने वाले हैं. उनके छोटे भाई भी पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं. चूंकि मनमोहन कुमार स्‍थानीय हैं, इसलिए एसएस अरोड़ा की उनके साथ अच्छी जान पहचान है. इसी वजह से पूर्व मंत्री ने मनमोहन से संपर्क साधा.

अरोड़ा बातचीत करने के लिए 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ में मनमोहन कुमार से मिले. इस दौरान उन्‍होंने आय से अधिक मामले में केस रफादफा करने के लिए 1 करोड़ रुपए की पेशकश की. पचास लाख रुपये एडवांस और पचास लाख रुपये काम होने के बाद देने की बात हुई.

एसएस अरोड़ा के जाने के बाद मनमोहन कुमार ने सारी जानकारी चीफ विजिलेंस को दी. इसके बाद इसकी लिखित शिकायत की गई. फिर, प्लानिंग के अनुसार सुंदर शाम अरोड़ा को शनिवार को जीरकपुर बुलाया गया.

शनिवार शाम एआईजी मनमोहन कुमार को फोन कर एसएस अरोड़ा ने कहा कि रिश्वत के पैसे लेकर आया हूं. डीजीपी अजय कपिला ने टीम बना कर कारवाई की. सारी कमान खुद मनमोहन कुमार ने संभाल रखी थी और जैसे ही अरोड़ा ने रिश्वत के 50 लाख दिए, विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.