- बीएयू में रबी अनुसंधान परिषद की 42वीं बैठक
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने झारखंड में रबी फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार से मिलकर योजनाबद्ध प्रयास करने का आह्वान वैज्ञानिकों से किया है। वह 13 अक्टूबर को बीएयू के रबी अनुसंधान परिषद की 42वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में राज्य में दलहन का उत्पादन 16 मिलियन टन से बढ़कर लगभग 25 मिलियन टन हो गया। हालांकि सरसों-तीसी आदि तेलहनी फसलों के क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि राज्य में धान फसल की कटाई के बाद एक बड़ा क्षेत्र रबी मौसम में खाली पड़ा रहता है, उसे खेती के अंदर लाने की प्रभावी रणनीति तैयार करनी चाहिए।
बाह्य विशेषज्ञ और बीएयू के पूर्व कृषि अधिष्ठाता डॉ एके सरकार ने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल उपयोग प्रभावशीलता बढ़ाते हुए न्यूनतम सिंचाई के साथ अधिकतम उत्पादन लेने की तकनीक पर काम करना चाहिए। क्षेत्र में स्थित भारतीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय उपराऊं भूमि चावल अनुसंधान संस्थान आदि के साथ मिलकर तकनीकी ज्ञान का आदान प्रदान करते हुए रबी फसलों का रकबा बढ़ाने की दिशा में कारगर प्रयास होना चाहिए।
डॉ सरकार ने कहा कि वैज्ञानिकों को क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसानों के खेतों का समय-समय पर भ्रमण करते रहना चाहिए, ताकि वे जमीनी स्तर पर किसानों की समस्या, जरूरत और प्राथमिकताओं को समझ सकें। प्रभावी तकनीकी रणनीति तैयार कर सकें।
भारतीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (रांची) के निदेशक डॉ अरुणाभ पटनायक ने कहा कि अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत रांची में सोयाबीन की उत्पादकता सर्वाधिक रही है। झारखंड में भी इस फसल का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। थोड़ा प्रयास से चना उत्पादन में भी ऐसी स्थिति प्राप्त की जा सकती है।
केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ के सत्यनारायण ने कहा कि जब रबी मौसम में ज्यादातर किसानों की विशेष गतिविधि नहीं रहती है, उस समय वे तसर से लाभ कमा सकते हैं।
बीएयू के निदेशक अनुसंधान डॉ एसके पाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पिछले रबी मौसम की विशिष्ट अनुसंधान उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अपर निदेशक अनुसंधान डॉ पीके सिंह ने धन्यवाद किया। संचालन शशि सिंह ने किया।
इस अवसर पर रबी रिसर्च हाईलाइट, आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ सोहन राम एवं सहयोगी वैज्ञानिकों द्वारा संकलित पुस्तिका झारखंड के लिए फसल प्रभेद, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के वैज्ञानिक डॉ अखिलेश साह द्वारा लिखित जनरल एग्रोनॉमी तथा डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता द्वारा तैयार रेगुलेशन ऑन रेजिडेंट इंस्ट्रक्शन फॉर यूजी प्रोग्राम का लोकार्पण किया गया।
कृषि संकाय के विभिन्न विभागों और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों के प्रमुखों ने गत वर्ष की रवि अनुसंधान उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ अब्दुल वदूद, डॉ राघव ठाकुर एवं डॉ एम एस यादव भी उपस्थित थे।