अनधिकृत आवासीय निर्माण होंगे नियमित, प्रारूप तैयार करने के लिए बनी कमेटी

झारखंड
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  • दस सदस्यीय अंतर-विभागीय उच्च स्तरीय समिति के गठन को लेकर अधिसूचना जारी

रांची। झारखंड में अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित किये जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए गए अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने इसके लिए ‘अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना -2022″ का प्रारूप तैयार करने के निमित्त दस सदस्यीय उच्चस्तरीय अंतर विभागीय समिति का गठन किया  गया है। विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है।

समिति इसका अध्ययन करेगी

उच्चस्तरीय समिति विभिन्न राज्यों द्वारा अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने को लेकर जो आदेश /योजना बनाई है। उसका अध्ययन कर झारखंड के स्थानीय प्राचलों के सापेक्ष ‘अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना- 2022’ का प्रारूप तैयार कर नगर विकास एवं आवास विभाग को उपलब्ध कराएगी। इस संबंध में समिति के अध्यक्ष और सदस्य आवश्यकतानुसार भ्रमण भी कर सकते हैं, ताकि योजना को वास्तविक रूप से प्रभावित करने के तौर-तरीकों का अध्ययन कर प्राप्त विशेष पहलुओं को तैयार किए जाने वाले योजना के प्रारूप में समाहित किया जा सके।

समिति के ये हैं अध्यक्ष और सदस्य

नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, गिरिडीह नगर निगम के नगर आयुक्त, भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, नगर विकास एवं आवास विभाग के तकनीकी कोषांग के मुख्य अभियंता, अग्निशमन सेवा के महानिदेशक, योजना विकास विभाग के संयुक्त निदेशक, नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव / उप सचिव और नगर निवेशक सदस्य होंगे।

मुख्यमंत्री से चैंबर के सदस्य मिले थे

मुख्यमंत्री से 20 अक्टूबर को राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी के नेतृत्व में झारखंड चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर राज्य के शहरी इलाकों में बिना नक्शे के निर्मित भवनों और संरचनाओं के नियमितीकरण करने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि इस दिशा में सरकार सकारात्मक पहल करेगी। इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने  त्वरित पहल करते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग को दिया।