नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली पर्वतारोही सविता कंसवाल की मौत, ऐसे टूट गई जिंदगी की डोर

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उत्तराखंड। दुखद खबर है कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली सविता कंसवाल की मौत हो गई है। उत्तराखंड के द्रौपदी का डंडा में एवलांच यानी हिमस्खलन की चपेट में आने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NMI) के 29 प्रशिक्षणार्थी फंस गए थे, जिसमें सविता भी शामिल थीं।

उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट ने बुधवार को उनके निधन की पुष्टि की। सविता का शरीर अब तक निकाले गए चार शवों में शामिल है।

यहां बता दें कि पर्वतारोहियों का 41 सदस्यीय दल मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर चोटी पर चढ़कर लौट रहा था। सविता कंसवाल एनआईएम में इंस्ट्रक्टर के रूप में काम करती थीं।

सविता की मौत की खबर जैसे ही उनके गांव में पहुंची, तो उनके गांव में मातम छा गया। लोंथरू गांव के पूर्व प्रधान ने कहा कि सविता कंसवाल की हादसे में मौत होने की बात उनके परिवार के अमित कंसवाल ने बताया कि हमें देर रात सूचना मिली थी वो एवलांच में फंस गई और इस हादसे में उसकी जान चली गयी है।

सविता कंसवाल ने इसी साल 12 मई को 8848 मीटर ऊपर, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। सविता ने इसके 15 दिन बाद 8463 मीटर ऊपर माउंट मकालू पर भी पहुंची थीं।

सविता ने नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। एक दिन पहले खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था, लेकिन 5 अक्टूबर की सुबह से वायुसेना (IAF) ऑपरेशन में जुट गई।